scriptलड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करने के कैबिनेट के फैसले पर सीएम भूपेश ने ये कहा | CM said about the age of marriage of girls from 18 to 21 year | Patrika News

लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करने के कैबिनेट के फैसले पर सीएम भूपेश ने ये कहा

locationरायपुरPublished: Dec 16, 2021 03:12:54 pm

Girls Marriage Age: सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने पत्रवार्ता में कहा कि आज पूरा देश विजय दिवस के रूप में मना रहा है क्योंकि आज के ही दिन पाकिस्तान (Pakistan) के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था, केंद्र सरकार (Central Government) पर इस बात को लेकर साधा निशाना

Girls Marriage Age

CM Press Conference

रायपुर. Girls Marriage Age: रायपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आज पूरा देश विजय दिवस के रूप में मना रहा है। इंदिरा जी के प्रधानमंत्री के नेतृत्व काल में न केवल इतिहास रचने का बल्कि भूगोल बदलने का काम हुआ था, आज के ही दिन एक नया देश बांग्लादेश विश्व के मानचित्र पर उभरा। आज ही के दिन हमारे सैन्य अधिकारियों के सामने पाकिस्तान (Pakistan) के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। इतिहास में इतना बड़ा आत्मसमर्पण कभी किसी देश के सामने नहीं किया था। ये सब इंदिरा जी को याद करते हुए भारत के उन महान सपूतों को और महान वीरों को भी नमन करने का अवसर है उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें प्रणाम करता हूं और विजय दिवस के लिए पूरे देश को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष के कैबिनेट के फैसले पर सीएम भूपेश ने कहा कि आजकल वैसे भी ग्रेजुएशन करते-करते 21 साल हो जाता है। पोस्ट ग्रेजुएट करते-करते 23 से 25 वर्ष हो जाता है। आज के दौर में लड़कियों की शादी भी 25 से 30 वर्ष में हो रही है। समाज में और भी जो लोग हैं उसका भी ध्यान रखा जाए। ऐसे में बहुत से माता-पिता हैं जो कानूनी शिकंजे में आ सकते हैं। उनको पहले सामाजिक लोगों से रायशुमारी करके फैसले करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, हमारा समर्थन पहले से ही उनके साथ है।

केंद्र सरकार न मिलने का समय दे रही और न पत्र का जवाब
सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब हम उनसे मिलने का समय मांगते हैं तो वह भी नहीं देते, पत्र लिखते हैं तो उसका जवाब नहीं देते। इसीलिए कहता हूं कि यह भारत है, बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि भारत सरकार राज्यों के संघों की सरकार है, लेकिन अब वह संघियों के सरकार बन गए हैं इसलिए दूसरे का वह सम्मान ही नहीं करते। असहमति का कोई सम्मान नहीं है। दूसरे प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से भी उसी प्रकार व्यवहार करते हैं यह कोई अच्छी बात नहीं है।

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रमन सिंह को नैतिक रूप से सवाल पूछने का अधिकार नहीं
चुनाव से पहले 36 वादों की घोषणा पर रमन सिंह ने कहा था अभी तक 4 घोषणा भी पूरी नहीं हुई। इस पर सीएम भूपेश ने कहा कि रमन सिंह पहले यह बता दे उन्होंने आदिवासियों को 4 गाय देने की बात कही थी वह कर लिए क्या? 15 साल मौका मिला और आज 3 साल में रमन सिंह जी को तो कोई बात कहने का नैतिक अधिकार ही नहीं। उनके शासनकाल में शिक्षा कर्मियों के साथ कितनी मारपीट हुई है, कितने शिक्षकों की मौत हुई है उसके लिए वे जिम्मेदार है।
शिक्षाकर्मियां की भर्ती भी नहीं की। हमारे शासनकाल में 1998 के बाद अभी शिक्षकों की भर्ती हुई और सभी वर्गों का हम ध्यान रख रहे हैं। एक तरफ रमन सिंह जी को दिल्ली जाना चाहिए और हमारे सेंट्रल एक्साइज के जो पैसे हैं और कॉल कंपनसेशन के पैसे हैं उसको दिलाने का काम कर दें। इसके बाद जितने भी लोग बैठे हैं उनका भी और जो-जो काम हमने कहा था वह सब हम करके दिखाएंगे।

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पत्रकारों को गालियां देने वालों को संरक्षण
लखीमपुर खीरी हिंसा पर सवाल करने पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने पत्रकारों को दी गालियां दे दी, लोक सभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा किया और गृह राज्य मंत्री का इस्तीफ़ा मांगा? के सवाल पर सीएम ने कहा कि वे किसानों को कहते थे कि 2 मिनट में सब को ठीक कर दूंगा।
कल वीडियो वायरल हुआ जिसमें पत्रकारों को गालियां दे रहे हैं। सवाल इस बात का है कि मोदी जी किसको संरक्षण दे रहे हैं और संरक्षण देकर क्या संदेश दे रहे है। अजय मिश्रा टेनी किसानों और पत्रकारों को गाली दे रहे हैं। ये उसको मंत्री मंडल में रखकर क्या कर रहे हैं, उनकी नजर में पत्रकारों और किसानों की कोई कीमत नहीं।
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