बारिश तथा बदली की वजह से सब्जियों की फसलें जमकर प्रभावित हुई हैं। बारिश की वजह से सर्वाधिक नुकसान सब्जी का उत्पादन करने वाले किसानों को उठाना पड़ रहा है। बारिश की वजह से सब्जी बाड़ी में पानी तथा कीचड़ से पालक, मेथी, बथुआ, टमाटर के पौधे कीचड़ की वजह से खराब हो गए हैं। वहीं, बदली के चलते कई सब्जियों में कालापन तथा कीट प्रकोप की शिकायत बढ़ गई है। बलौदाबाजार के आसपास सब्जी का उत्पादन करने वाले छोटे सब्जी उत्पादकों हेतराम यादव, पुनीराम यादव, हृदयराम निषाद, भगवंती केंवट आदि ने बताया कि बदली तथा बारिश की वजह से सब्जियों में कीट प्रकोप की शिकायत बढ़ गई है। फूलगोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियों को कीड़ काटने लगे हैं। वहीं, टमाटर, सेम, लौकी, बैंगन में कीट प्रकोप की वजह से छेद हो गया है। शीत ऋतु में सर्वाधिक डिमांड में रहने वाली मेथी भाजी, पालक भाजी, लाल भाजी, बथुवा भाजी के पत्तों में मौसम तथा कीट प्रकोप की वजह से छेद हो गया है, जिसकी वजह से इन सब्जियों को ग्राहक लेने में कतरा रहे हैं। किसानों ने बताया कि अब किसानों का कीटनाशक में अधिक खर्च बढ़ेगा। वही,ं सब्जियां आगामी सप्ताह भर में बाजार में आने लायक हो गई थीं, उन्हें अब जल्दी बेचना पड़ेेगा जिसके बाद अब सब्जियों की आगामी खेप में देरी होगी। कीट प्रकोप की वजह से सब्जियों में छेद, इल्ली की शिकायत बढ़ गई है।
बेमौसम बारिश का किसानों के लिए मिला-जुला असर रहा। इस वर्ष वर्षा ऋतु के देर तक चलने तथा देर तक बारिश की वजह से धान की कटाई लेट हुई है जिसकी वजह से बहुतेरे किसानों ने गेहूं की बोनी नहीं की है। कृषि विभाग के उप संचालक डी. के. नायक ने बताया कि जिले के ज्यादातर किसानों ने अब तक गेहूं की बोनी नहीं की है, परंतु जिन किसानों ने उतेरा फसल सरसों, तिवरा, बटरी आदि की बोनी की है, उन फसलों के लिए यह पानी फायदेमंद है। नायक ने बताया कि बारिश से हुए नुकसान का अंदाजा मैदानी अमले द्वारा कराया गया है। जिले में सिमगा के कुछ इलाकों को छोडक़र कहीं पर भी धान के खेतों में पानी भराव वाली स्थिति नहीं है। जिसकी वजह से धान की फसल को अधिक नुकसान नहीं है। जिन किसानों ने अब तक धान की कटाई नहीं की है उन्हे मौसम साफ होने तथा फसल के सूखने तक इंतजार करने तथा उसके बाद ही कटाई किए जाने की समझाइश दी जा रही है।