देश में जहां 30 जनवरी को एक मरीज था आज कोरोना प्रभावितों की संख्या 20 लाख का आंकड़ा पार कर गई, 41 हजार 585 से अधिक लोगों की मौत गई। 20 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। 10 करोड़ हाथों से रोजगार चला गया जिसका असर 50 करोड़ लोग पर वित्तीय संकट में आ गया। दिहाड़ी मजदूर रोजी रोजगार के लिए भटक रहे है। व्यापार व्यवसाय बन्द पड़ा है मध्यमवर्गी परिवार गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।
मजदूरों के पास खाने-पीने की समस्या है बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए सहित प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों का साल खराब हो गया। लोग अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं किसी के सुख दुख में खड़े हो नहीं पा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है।