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कांग्रेस ने अपने आवेदन में तर्क दिया है कि नानावटी आयोग और लिब्राहन कमेटी की सुनवाई में तत्कालीन मुख्यमंत्री, तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री और यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री को भी गवाही के लिए बुलाया गया था।
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कांग्रेस ने अपने आवेदन के साथ पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के विधानसभा में दिए गए बयान की प्रतियां भी दी हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह राज्य के यूनीफ़ाइड कमांड के प्रमुख हैं और इस नाते झीरम कांड के बारे में उनके पास बहुत-सी ऐसी सूचनाएं हो सकती हैं जो अब तक सामने नहीं आ पाई हैं।
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झीरम कांड अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला
बतादें कि 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के कई नेताओं की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने परिवर्तन रैली को निशाना बनाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ला समेत दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की हत्या कर दी थी। यह हमला देश के इतिहास के सबसे बड़े नक्सली हमलों में गिना जाता है। यह पहला मौका था, जब नक्सलियों ने किसी राजनीतिक दल के नेताओं को सामूहिक रूप से निशाया बनाया था।