‘पत्रिका’ पड़ताल में सामने आया कि 18 अक्टूबर को एक्टिव मरीजों की संख्या 18 हजार से कम हुई थी, मगर यह तकरीबन 2 महीने गुजर जाने के बाद भी 17 हजार के नीचे नहीं उतरी है। शनिवार को ही 253मरीज रिपोर्ट हुए। उधर, प्रदेश के 28 जिलों में राजधानी रायपुर में सर्वाधिक 48,900 से अधिक मरीज, सर्वाधिक मौतें हुई हैं। डॉक्टरों, विशेषज्ञों की मानें तो यह नियमों में ढिलाई का नतीजा है कि संक्रमण कम होता नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि 3-4 दिन के अंदर ही राजधानी में संक्रमित मरीजों की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर जाएगी।
बस थोक में नहीं मिल रहे मरीज अगस्त-सितंबर में रायपुर में कुकरबुेड़ा, मंगलबाजार आजादचौक, सदाणी दरबार, लाखेनगर, भाठागांव, शंकर नगर में बड़ी संख्या में मरीज मिले थे। ये हॉट स्पॉट थे। अब ऐसी स्थिति नहीं है, बस इसी बात की राहत है।
—————————————- राजधानी- कुल संक्रमित- सक्रिय मरीज
रायपुर (छत्तीसगढ़)- ४८,९१६- ७,५५१ पश्चिम बंगाल (कोलकाता)- १,१५,५७४- ५,५३८
राजस्थान (जयपुर)- ५३,५४०- ७,४७० चेन्नई (तमिलनाडू)- २,१९,५२६- ३,२२९
भोपाल (मध्यप्रदेश)- ३५,६८८- ३,१७९ लखनऊ (उत्तर प्रदेश)- ७४,८१५- ३,०८८
पटना (बिहार)- ४४,८३४- २,०७७
देहरादून (उत्तराखंड)- २४,०८१- १,९९८
रांची (झारखंड)- २८,८६८- ७९१ विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश)- ५८,६१३- २१६
२ राज्यों के आंकड़े- मुंबई (महाराष्ट्र)- २,९०,०३०- १६,६०३
बैंग्लूरु (कर्नाटक)- ३,७७,८५७- १२,९०२ कोरोना के फैलाव की वजहें- फ्लोटिंग पॉपुलेशन- प्रदेश की राजधानी होने के नाते यहां फ्लोटिंग पॉपुलेशन बहुत ज्यादा है। जो नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक ३ लाख प्रतिदिन है। इनमें चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार, उद्योग से जुड़े लोग न सिर्फ दूसरे जिलों के बल्कि दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में आते हैं। अनलॉक होने के बाद ट्रेन, प्लेन, बस परिवहन बढ़ा है। निजी वाहनों से दूसरे राज्यों से आने वालों की किसी तरह की जांच नहीं हो रही है। यह कोरोना के फैलाव की सबसे बड़ी वजह है।
कार्रवाई की जिम्मेदारी-
जिला प्रशासन को नियमों का पालन करवाना है, स्वास्थ्य विभाग को जांच करनी है। इक्कठा होने पर पाबंधी नहीं- पहले लोगों के एक जगह पर इक्कठा होने पर पाबंधी थी। मगर, जब से इसमें ढिलाई बरती गई है तब से मुश्किलें बढ़ी हैं। उद्यान खुल गए हैं। शादी-विवाह में २०० लोगों की अनुमति है, मगर न पालन हो रहा न करवाया जा रहा है।
कार्रवाई की जिम्मेदारी-
नगर निगम और जिला प्रशासन को निगरानी रखनी है। bबाजारों में मास्क और सोशल डिस्टेसिंग जैसे नियमों का पालन न के बराबर हो रहा है। खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे स्वीकार कर रहे हैं।
कार्रवाई की जिम्मेदारी-
चालानी कार्रवाई की नगर निगम को करनी है। जितने एक्टिव मरीज विभागीय रिपोर्ट में बताए जाते हैं उतने नहीं हैं। ये रिपीट सैंपल को भी काउंट करते हैं। बस कल ही तो २५३ मरीज मिले थे।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
रायपुर में अन्य जिलों की तुलना में बाहर से आने वालों की संख्या अधिक होती है। यहां बड़े-बड़े बाजार हैं। दूसरे राज्यों से भी खरीददार आते हैं और यहां पहले से संक्रमण अधिक है।
डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग