कोरोना योद्धा शोक संदेश के नाम से सड़क पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि सरकार के प्रतिनिधि जहां-जहां लाशें गिरती है वहां जाकर संवेदना व्यक्त करते है । कोरोना योद्धा भी अपने प्राण दाव पर लगा चुके हैं। क्योंकि यह भी सबके समान जिंदा हैं जिन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। इसी वजह से आज क्रांतिकारी कोरोना योद्धाओं द्वारा एक शोक संवेदना संदेश का प्रदर्शन किया जा रहा है।
कर्मचारियों के इस प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों से पुलिस अफसरों ने कहा कि वो सड़क को जाम कर रहे हैं। या तो वे फौरन अपना विरोध प्रदर्शन बंद करें या साइड होकर रास्ता खाली करें। बीच सड़क से हटने को ये कोरोना वॉरियर्स राजी नहीं हुए। सुबह के वक्त ही इनकी पुलिस से बहस हो गई। ना मानने की स्थिति में पुलिस की टीम ने 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। अब इन्हें सेंट्रल जेल ले जाया गया है।
बता दें साल 2020 और 2021 की शुरुआत में कोविड संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिला। इस दौरान इन कर्मचारियों ने कई कोविड, क्वारंटाइन सेंटर और लैब में बतौर नर्स, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन का काम किया। बाद में सरकार ने उन अस्थाई सेंटर्स को बंद कर दिया। ये युवा बेरोजगार हो गए। अब ऐसे लगभग 8 हजार कर्मचारी ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें रोजगार दिया जाए। इसी मांग को लेकर 63 दिनों से इनका धरना प्रदर्शन जारी है।
कोरोना योद्धाओं, तपोस्थली में अनोखा प्रदर्शन कर सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस तरह से सरकार लाशों पर राजनीति करते हुए उन पर संवेदना एवं सहानुभूति रखने के लिए बार-बार उन्हें मिलने के लिए जाती है। कोरोना योद्धाओं ने कहा कि हमने भी लोगों की सेवा एवं सरकार के लिए अपना प्राण दाव पर लगाया हैं।