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रायपुर

गलतफहमी में जीने की न डालें आदत

जीवन में सम्मान का अनुपम उपहार प्राप्त करना बड़ा सरल काम है। सम्मान का बीजारोपण कर सम्मान की फसल तैयार करना चाहिए।

रायपुरOct 06, 2018 / 06:14 pm

चंदू निर्मलकर

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गलतफहमी में जीने की न डालें आदत

रायपुर/भखारा. जीवन में सम्मान का अनुपम उपहार प्राप्त करना बड़ा सरल काम है। सम्मान का बीजारोपण कर सम्मान की फसल तैयार करना चाहिए। जितना चाहे उतना सम्मान का अनमोल उपहार प्राप्त कर सकते हैं। जो दूसरों को दोगे, वही आपको मिलेगा। दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला स्वयं उस गड्ढे में गिरता है। इसलिए सदा दूसरों का भला करना चाहिए। उक्त बातें साध्वी डॉ चंद्रप्रभा ने चातुर्मास प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने आगे कहा कि यहां के लोग खुलक सुकून और आनन्द लेते हैं। खाने वाले अहो भाव के साथ कृतज्ञता प्रगट करते हैं। इस अनोखी विधा के साथ एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। यही सम्मान दो लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मानव के पास ऐसी अदभूत छमता है कि वह असम्भव को सम्भव बना सकता है। मानव ज्ञान का धनी है। ज्ञान से ऐसी ऐसी तरकीब सामने आती है कि बड़ी से बड़ी समस्याओं का सरलता से निदान हो सकता है। मानव अपनी छमता पहचाने। छमता का पूरा उपयोग करते हुए दिखने वाले असम्भव को सम्भव में तब्दील कर सकती है। जीवन में प्रकृति के नियमों को जाने, माने और इसे जीवन में उतारे।

बड़ों के सामने छोटे होने का लें आनंद
साध्वी चंद्रप्रभा ने कहा कि गलतफहमी में जीने की आदत न डालें। अपने से बड़ों के सामने अपने छोटे होने का आनंद लें। बड़े बन जाने की भूल नहीं करना चाहिए। ढ़ाई अच्छर प्रेम का हर पल साथ रखिए और फिर देखिए आपके इर्द गिर्द जिंदगी कैसे मुस्कुराती हुई बेहतरीन लगती है। प्रवचन के दौरान उन्होंने शिशु मंदिर संस्कार शाला के संस्थापक आसकरण गोलछा को श्रमण संघ के श्रेष्ठ हस्ताक्षर के रूप में सुशोभित किया है।

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