
मशीन से भाप बनाकर खोली धमनी
CG News: रायपुर. डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल(Dr. Bhimrao Ambedkar Hospital) स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में सोमवार को एक जटिल ऑपरेशन किया गया। यहां महासमुंद से आए बुजुर्ग का दिल महज 30 फीसदी ही काम कर रहा था। जांच में पता चला कि कैल्शियम जमने से दिल में ब्लॉकेज है।
डॉक्टरों ने इलाज के लिए शॉकवेव इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी से कैल्सीफाइड हिस्से को तोड़ते हुए लेजर एथेरेक्टॉमी से भाप बनाकर धमनियों को खोला। एसीआई में 2 पद्धतियों का एकसाथ इस्तेमाल करते हुए पहली बार सर्जरी की गई। मरीज अब खतरे से बाहर है।
जानकारी के मुताबिक, मरीज के दिल के बाएं हिस्से की एक नस में खून का प्रवाह बंद हो गया था। मरीज की केस हिस्ट्री और उम्र की अधिकता को देखते हुए तय किया गया कि नस में जमे कैल्शियम को लिथोट्रिप्सी से, फिर लेजर से तोड़कर एंजियोप्लास्टी करेंगे। इससे पहले एसीआई में साल 2019 में पहले एक्साइमर कोरोनरी लेजर ऐथेरेक्टॉमी की गई थी। उसके साथ ही पहली इंट्रा वैस्कुलर लिथोट्रिप्सी भी यहीं की गई, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब इन दोनों विधियों को एकसाथ प्रयोग कर पहली बार किसी दिल की नसों का ब्लॉकेज खोला गया। यह ब्लॉकेज इतना कठोर था कि एंजियोप्लास्टी करने वाले तार के अलावा कुछ भी आगे नहीं जा रहा था। इसके बाद 10-10 सेकंड के 8 इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी शॉकवेव के जरिए चट्टान को तोड़ते हुए उसे एक्साइमर लेजर तरंगदैर्ध्य के जरिए भाप बनाकर निकाल दिया गया।
एसीआई करने वाला पहला संस्थान
डॉ. स्मित श्रीवास्तव, एचओडी, एसीआई, डॉ. आंबेडकर अस्पताल ने कहा, मरीज के दिल की नस में कैल्शियम रूपी चट्टान को तोड़ने की प्रक्रिया ठीक वैसी ही थी, जैसे किसी सुरंग में डायनामाइट लगाकर चट्टान को तोड़ते हुए रास्ता बनाया जाता है। इसके लिए 2 पद्धतियां एकसाथ अपनाई गईं। एसीआई ऐसा करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है।
Published on:
28 Mar 2023 03:26 pm
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