जिला अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी में अब भी दवाओं की सप्लाई नहीं की गई है। राजधानी के पूरे आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए, तो यहां मेडिकल कॉलेज सहित अन्य शासकीय अस्पतालों में डॉग बाइट के लगभग 50 से अधिक मरीज रोजाना आते हैं। एेसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंबेडकर को वितरित की गई दवाएं कितनों दिनों तक मरीजों को राहत पहुंचने वाली है। थोक मार्केट में भी इंजेक्शन की कमी बनी हुई है, मरीजों की संख्या बढऩे से व्यापारियों के आंकड़े भी गलत साबित हुए हैं। एेसे हालात में मरीजों को कुछ और दिनों तक इन्हीं 15 हजार इंजेक्शनों के भरोसे ही रहना होगा।