सबसे पहले मूंग दाल का हलवा
मूंग दाल का हलवा शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है। इसमें खासतौर पर काजू, पिस्ता और बादाम का उपयोग होता है। ये सभी ड्राई फ्रूट्स ओमेगा-3 फैटी एसिड और सभी जरूरी विटमिन्स से भरपूर होते हैं।
इनके साथ ही मूंग दाल बहुत हल्की और सुपाच्य होती है। यह एक बड़ी वजह है कि खासतौर पर इस दाल का उपयोग हलवा बनाने में किया जाता है। यदि आप मूंग दाल का हलवा शुगर फ्री मिलाकर बनाएंगे तो आप खुद को अतिरिक्त कैलरी लेने से बचा पाएंगे।
गैर जरूरी कैलरी से बचने के लिए आपको एक दिन में आपको 50 ग्राम से अधिक मूंग दाल का हलवा नहीं खाना है। इतनी मात्रा में यह हलवा आप दिन में अलग-अलग टाइम पर ले सकते हैं। यानी इस 50 ग्राम हलवे को छोटे हिस्सों में बांटकर अलग-अलग टाइम पर मुंह मीठा कर सकते हैं।
बादाम की खीर
दीपावली पर लगभग हर घर में दूध और बादाम या दूध और मखाने की खीर बनाई जाती है। ऐसा इसलिए भी होता क्योंकि एक तो खीर पारंपरिक भारतीय मिठाई है। दूसरे इस खीर से माता लक्ष्मी को भोग लगाकर उनका पूजन किया जाता है।
तो आप चाहे दूध और बादाम की खीर बनाएं या दूध और मखाने की। इस खीर को शुगर फ्री के साथ बनाएं। साथ ही एक दिन में मध्यम आकार की दो कटोरी से अधिक खीर का सेवन ना करें। इस तरह आप अपनी ब्लड शुगर को भी कंट्रोल कर पाएंगे और दिवाली का आनंद भी उठा पाएंगे।
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मिल्क केक और खोए की बर्फी
मिल्क केक और खोए की बर्फी दोनों को ही बनाने में भरपूर मात्रा में दूध का उपयोग किया जाता है। इस कारण ये दोनों ही स्वीट्स प्रोटीन का अच्छा सोर्स होती हैं। यदि आप इन स्वीट्स को शुगर फ्री के साथ बनाएंगे तो काफी हद तक अपने तुरंत बढऩे वाले ब्लड शुगर को नियंत्रित कर पाएंगे। साथ ही आपकी फिटनेस भी बनी रहेगी। लेकिन एक दिन के अंदर इनमें से कोई भी मिठाई 50 से 100 ग्राम के बीच ही खाएं। यानी मात्र 3 से 4 पीस और मिल्क केक की बात करें तो सिर्फ 1 से डेढ़ पीस।
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गाजर का हलवा
गाजर प्राकृतिक रूप से मीठी होती है और दूध भी प्राकृतिक मिठास से भरपूर होता है। गाजर का हलवा बनाने में दूध से बने मावे का उपयोग होता है। यह मावा प्रोटीन से भरपूर होता है और नैचरल स्वीटनेस लिए हुए होता है।
गाजर और मावा मिलाकर हलवा तैयार करते समय आप शुगर फ्री का उपयोग करें। इस हलवे को आप एक दिन में 50 से 100 ग्राम तक खा सकते हैं। इतनी मात्रा में यह हलवा आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन इसका सेवन कई हिस्सों में करें, ना कि एक साथ।
गाजर फाइबर और वॉटर कंटेंट लिए हुए होती है। इसलिए यह हलवा आपके शरीर में जाकर आसानी से पच जाता है। आपकी आंतों को स्वस्थ रखता है और पेट को साफ करता है।