इस पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
तुलसी हेल्थकेयर के निदेशक एवं मनोचिकित्सक, डॉ. गौरव गुप्ता बताते हैं कि मस्तिष्क या आपके हार्मोन में रसायनों के असंतुलन से ऐसी स्थिति बन सकती है। इसकी मुख्य वजह है डिप्रेशन या डिप्रेशन का परिवारिक इतिहास। मूलत: यह सेरोटोनिन या न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन होने के कारण होता है। किसी बहुत करीबी या प्रिय व्यक्ति के निधन के कारण भी आपको इस भावनात्मक शून्यता का सामना करना पड़ सकता है।
2 डिप्रेशन जूझ रही हों
जब किसी महिला के मन के अंदर खुद का ही घमासान चल रहा हो। वह बहुत अधिक डिप्रेशन से जूझ रही हो। तो एक ऐसी स्थिति आती है। जब उन्हें बाहर क्या चल रहा है या क्या हो रहा है इन सब बातों से कोई प्रभाव नहीं पड़ता। न ही वह अपनी बातें शेयर कर पाती हैं।
3 अल्कोहल और ड्रग्स का अधिक सेवन करना
अगर आप ड्रग्स या अल्कोहल आदि का अधिक सेवन करती हैं तो इससे भी आपके नर्वस सिस्टम पर उल्टा प्रभाव पड़ता है और इससे आपको बाहर क्या हो रहा है इसका फर्क नहीं पड़ता है और एक ऐसी स्थिति आती है जिसमें आपको सुन्नपन का सामना भी करना पड़ सकता है।
4 पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
पीटीएसडी यानी पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर भी इमोशनल ब्लंटिंग का एक कारण होता है। अगर आपके साथ कोई बहुत बड़ा हादसा हुआ है तो आपका बाहर की सभी चीजों से मन हट जाता है और आप किसी से बात करना पसंद नहीं करती हैं।
इमोशनल ब्लंटिंग के कारण एक महिला खुशी या गम को महसूस करना ही बंद कर देती है। इससे आप के शरीर पर भी काफी ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। जैसे आपको भूख न लगना या एकदम से काफी ज्यादा भूख लगना।