scriptघरौंदा में दुष्कर्म मामले की जांच का पहला दिन, दफ्तर में ही बैठे रहे जांच अधिकारी | First day of investigation into crime in Ghodunda | Patrika News
रायपुर

घरौंदा में दुष्कर्म मामले की जांच का पहला दिन, दफ्तर में ही बैठे रहे जांच अधिकारी

आश्रय गृह ’घरौंदा’ में दुष्कर्म मामले की दंडाधिकारी जांच गुरुवार को शुरू भी नहीं हो पाई

रायपुरJan 18, 2019 / 01:19 pm

Deepak Sahu

kopalvani

घरौंदा में दुष्कर्म मामले की जांच का पहला दिन, दफ्तर में ही बैठे रहे जांच अधिकारी

रायपुर. कोपलवाणी के आश्रय गृह ’घरौंदा’ में दुष्कर्म मामले की दंडाधिकारी जांच गुरुवार को शुरू भी नहीं हो पाई। इधर, संस्था के संचालकों ने मामले से बचने और अनुदान फिर से जारी करवाने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों तक जोर-जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि गुरुवार की शाम जांच टीम के सदस्यों को अलग-अलग आदेश पत्र जारी किया गया। अहम बात यह है कि शासन के आदेश के बाद बुधवार को जांच की घोषणा की गई थी। इसमें सात दिन के भीतर जांच के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार को जांच शुरु नहीं होने के कारण अब छह दिन ही शेष रह गए हैं। संभत: शुक्रवार को जांच समिति हॉस्टल की अन्य छात्राओं के बयान दर्ज करेगी।
कलक्टर ने सभी सदस्यों को पत्र भेज दिया है। अपर कलक्टर विपिन मांझी, डिप्टी कलक्टर राजीव पांडे, अतिरिक्त तहसीलदार अमित बेक और नायब तहसीलदार नोविता सिन्हा को अलग-अलग पत्र जारी किया गया है। इसके लिए टीम ने एक मनोचिकित्सक और साईन लैंग्वेज का ज्ञान रखने वाले काउंसिलर को भी शामिल करने की मांग की है।

यह है आदेश
राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग ने बुधवार को मंत्रालय (महानदी भवन) से कलक्टर रायपुर को पत्र भेजकर मामले की दंडाधिकारी जांच अपर कलक्टर स्तर के अधिकारी से करवाने के निर्देश दिए थे। शासन के निर्देश पर कलक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. बसवराजु एस. ने जांच का आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया है कि यह समिति घटना के प्रत्येक आवश्यक बिन्दु की सिलसिलेवार जांच करें।

नहीं आई रिपोर्ट
दुष्कर्म की घटना के बाद 12 जनवरी को छात्रा का मेडिकल पुलिस द्वारा कराया गया था। 15 जनवरी को आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसका भी मेडिकल कराया गया था। अब तक दोनों की मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिल पाई है।

प्रबंधन बेचैन, पहुंचा सचिव के पास
कोपलबाणी प्रबंधन पर छात्रा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप के बाद विभाग ने आवंटन रोकने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस बात से बेचैन संस्था के पदाधिकारी समाज कल्याण विभाग के सचिव के पास पहुंच कर संस्था की गलती नहीं होने की बात कही है। हालांकि सचिव ने उन्हें वापस भेज दिया। घरौंदा को 50 लाख, श्रवण बाधित स्कूल को 16 लाख, विकलांग स्कूल को 8 लाख रुपए मिलाकर समाज कल्याण विभाग से सालाना कुल 74 लाख रुपए का अनुदान मिल रहा है।

इन बिंदुओं पर होगी जांच
सभी छात्राओं के बयान होंगे दर्ज
संस्था द्वारा छात्राओं को अवकाश तो नहीं दिया गया है। जिन्हें अवकाश पर भेजा गया है उन्हें वापस बुलाया जाएगा।
हॉस्टल में आने-जाने वालों के रेकॉर्ड, सीसीटीवी व रजिस्टर की जांच होगी।
पीडिता व माता-पिता के भी बयान दर्ज किए जाएंगे।

रायपुर कलक्टर बसव एस राजू ने बताया कि जांच अधिकारी मंत्रालय में थे। इसलिए अभी जांच शुरू नहीं हुई है। शुक्रवार को बयान दर्ज किया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो