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रायपुर

होम आइसोलेशन की ‘संजीवनी’ ने कोरोना पर दिलाई ‘आधी विजय’, बाकी लड़ाई लंबी चलेगी

अब तक कुल 1,70,130 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 72,191 मरीजों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना और वे स्वस्थ हुए। अभी प्रदेश में 25 हजार एक्टिव हैं, जिनमें से 13 प्रतिशत मरीज अस्पतालों में हैं। कोविड केयर सेंटर में 27-30 प्रतिशत के करीब, जबकि 55-60 प्रतिशत मरीज अभी भी होम आइसोलेशन में हैं।

रायपुरOct 24, 2020 / 11:26 am

Karunakant Chaubey

होम आइसोलेशन की 'संजीवनी' ने कोरोना पर दिलाई 'आधी विजय', बाकी लड़ाई लंबी चलेगी

होम आइसोलेशन की ‘संजीवनी’ ने कोरोना पर दिलाई ‘आधी विजय’, बाकी लड़ाई लंबी चलेगी

रायपुर. प्रदेश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर यानी रिकवरी रेट 84.2 प्रतिशत जा पहुंचा है। जो अपने उच्चतम स्तर पर है। इस स्तर तक पहुंचाने में सबसे मददगार साबित हुआ होम आइसोलेशन कांसेप्ट। यह विकल्प ऐसे समय राज्य के संक्रमित मरीजों को दिया गया, जब सरकार ने यह भांप लिया था अगस्त-सितंबर में संक्रमण की रफ्तार सर्वाधिक होगी। हुआ भी वही। सितंबर में कोविड हॉस्पिटल में बेड कम पड़ रहे थे। कोविड केयर सेंटर भर चुके थे। तब इस विकल्प ने ‘संजीवनी’ का काम किया।

अब तक कुल 1,70,130 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 72,191 मरीजों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना और वे स्वस्थ हुए। अभी प्रदेश में 25 हजार एक्टिव हैं, जिनमें से 13 प्रतिशत मरीज अस्पतालों में हैं। कोविड केयर सेंटर में 27-30 प्रतिशत के करीब, जबकि 55-60 प्रतिशत मरीज अभी भी होम आइसोलेशन में हैं।

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आंकड़ों से स्पष्ट है कि कुल स्वस्थ हुए मरीजों में 50.4 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना पर विजय हुए। अब अस्पतालों से ठीक हुए मरीजों का प्रतिशत 49.6 रह गया है, जो दिन व दिन घटता ही जाएगा। मगर, कोरोना के विरुद्ध भले ही आधी लड़ाई जीत ली हो, मगर आधी लड़ाई में कोरोना का पलटवार भी हो सकता है। क्योंकि ऐसी आशंका व्यक्त की गई है कोरोना का दूसरा पीक आएगा। इसलिए सतर्क रहें।

होम आइसोलेशन से ये मिली सीख

ट्रीटमेंट मैनेजमेंट- कोरोना संक्रमित मरीज घरों में अपना और अपनों का इलाज करते हुए मेडिकल उपकरणों से परिचित हुए। जैसे- पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, वैपोराइजर, वीपी डिवाइज, ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रेशर मैनेजमेंट और दवाओं के डोज से।

ट्रीटमेंट ऑन काल- लॉकडाउन और आज भी डॉक्टर फोन पर मरीजों को एडवाइज दे रहे हैं। वीडियो कॉल, वॉट्सऐप कॉलिंग और अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए डॉक्टर ने मरीजों बिना छुए इलाज दिया। मरीज स्वस्थ हुए।

ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल- मरीजों ने जाना की ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल कितना अहम होता है। स्थिति यह हुई की घर में अगर कोई संक्रमित हुआ तो अन्य सदस्यों ने पहले से प्रिवेंटिव दवाएं लेनी शुरू कर दीं। लोग ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं।

कोविड19 हॉस्पिटल और केयर सेंटर का सेटअप सिमट रहा-

प्रदेश सरकार ने द्वारा कोरोना महामारी के म²ेनजर खोले गए कोविड१९ स्थायी अस्पतालों को बंद करना शुरू कर दिया है। कोविड केयर सेंटर भी धीरे-धीरे करके बंद किए जा रहे हैं। क्योंकि इन्हें संचालित करने का खर्च भी बढ़ रहा है। जब मरीज नहीं तो फिर इन्हें खोले रखना खर्च को बढ़ाना है। रायपुर में ही आयुष विश्वविद्यालय, प्रयास हॉस्टल सडडू, एचएलएनयू हॉस्टल, नवा रायपुर का एक और कोविड केयर सेंटर बंद कर दिया गया है।

होम आइसोलेशन का विकल्प मौजूद है, मगर विभाग की अपील है कि वे ही मरीज इसके लिए आवेदन करें, जो खुद को मानकों और नियमों के तहत खरा पाते हैं। लापरवाही कतई न करें।

-डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग

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