आबकारी विभाग के दावों की पोल तब खुली जब रायपुर नगर निगम की बीते छह माह में शराब दुकानों के अहातों पर किए गए कार्यवाही की जानकारी सामने आई। निगम के अनुसार 23 बार, शराब दुकानों के भीतर चल रहे अहातों पर कार्रवाई की है।
अहाता संचालकों से 10 से 15 हजार रुपए जुर्माना भी वसूला है। शराब दुकानों के साथ धड़ल्ले से अहाता (चखना सेंटर) संचालित है, जहां पर खुलेआम शराब परोसने और खाद्य सामग्री बेचने का कार्य किया जा रहा है।
यहां हो रहा संचालन
रायपुर शहर के पुराना बस स्टैंड, एमजी रोड, गंज, काठाडीह, लालपुर, पुलिस लाइन, मोवा, पंडरी, अमलीडीह कटोरा तलाबा,तेलीबांधा, महोबा बाजार, एमजीरोड, सड्डू और शंकर नगर जैसे इलाकों में बियर बार के पैटर्न पर अहाता संचालित हो रहे हैं। आबकारी अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं कि अहाता संचालित हो रहा है।
अब सवाल यह है कि इन लोगों को किसने लाइसेंस दिया है? किसकी अनुमति से आबकारी नीति के विरुद्ध अहाता संचालित हो रहे हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दे डाला लाइसेंस
एक तरफ शासन ने चखना सेंटर व अहातों पर रोक लगा रखी है। दूसरी ओर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा कुछ चखना सेंटरों को फूड लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है। ऐसे में साफ है कि जिन जगनों पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है वहां आबकारी और खाद्य विभाग संरक्षण दे रहे हैं।
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खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दे डाला लाइसेंस
एक तरफ शासन ने चखना सेंटर व अहातों पर रोक लगा रखी है। दूसरी ओर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा कुछ चखना सेंटरों को फूड लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है। ऐसे में साफ है कि जिन जगनों पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है वहां आबकारी और खाद्य विभाग संरक्षण दे रहे हैं।
आरटीआई में भी दिया जवाब
आबकारी विभाग से सूचना के अधिकार में शहर भर के शराब दुकानों में संचालित अहातों की जानकारी मांगी गई। तब विभाग ने जवाब में बताया, शहर के शराब दुकानों में अहाता संचालित नहीं हैं, विभाग ने किसी भी व्यक्ति/लोगों को अहाता संचालित करने के लिए लाइसेंस नहीं दिया है और न ही वर्ष 2022- 23 की आबकारी नीति में अहाता संचालन करने के लिए लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया और प्रावधान है।
हर माह लाखों की कमाई
आबकारी नियमों के मुताबिक चखना सेंटर शराब दुकान से 50 मीटर से कम दूरी पर नहीं होने चाहिए। अवैध अहाते तो न केवल 50 मीटर के भीतर हैं, बल्कि दुकान परिसर में ही चल रहे हैं। आबकारी विभाग करीब पिछले ढ़ाई साल से राज्य में मदिरा दुकानों के परिसर में अहाता चलाने की योजना बना रहा है, लेकिन कोरोना के कारण अब तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका है।
इसके लिए प्रति अहाता दो लाख रुपए का शुल्क लेने का प्रस्ताव था। विभाग जहां कोरोना संक्रमण के डर से इसे लागू नहीं कर सका, वहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कुछ माफिया मदिरा दुकानों के बगल में धड़ल्ले से अहाते संचालित कर रहे हैं। अहाते से हर माह लाखों रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं।
हर तरफ गंदगी का आलम
ये अहाते पूरी तरह अवैध तो हैं ही साथ ही यहां स्वास्थ्य और सुरक्षा सम्बंधी नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। सभी अहातों के आसपास गंदगी का आलम है। हर तरफ़ डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच तरह-तरह की गंदगी पसरी हुई है। आसपास के नाले-नालियां प्लास्टिक कचरे से अटे पड़े हैं। एक जुलाई से देशभर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लग चुका है, लेकिन यहां के लिए कोई नियम नहीं है।
अहातों पर शासन ने लगा रखी है रोक
शासन ने अहातों (Illegal Ahata) पर रोक लगा रखी है। 50 मीटर के भीतर के दायरे में आबकारी विभाग कार्यवाही करता है। इसके बाहर नगर निगम कार्रवाई करता है। जहां भी अहाता संचालन की जानकारी मिलती है, विभाग कार्रवाई करता है।
अरविंद पटले, उपायुक्त, आबकारी विभाग रायपुर