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रायपुर

इमरजेंसी में 74 शिशुओं का डॉयल 112 की गाड़ी में ही हुआ जन्म, पुलिस ने 12 हजार से अधिक को जान देने से बचाया

डॉयल 112 में 64 लाख से अधिक ने किया कॉल, कोरोनाकाल में 19 हजार से ज्यादा लोगों ने ली मदद

रायपुरJan 15, 2021 / 10:49 pm

Nikesh Kumar Dewangan

इमरजेंसी में 74 शिशुओं का डॉयल 112 की गाड़ी में ही हुआ जन्म, पुलिस ने 12 हजार से अधिक को जान देने से बचाया

इमरजेंसी में 74 शिशुओं का डॉयल 112 की गाड़ी में ही हुआ जन्म, पुलिस ने 12 हजार से अधिक को जान देने से बचाया

रायपुर. इमरजेंसी सेवाओं के लिए शुरू हुए डॉयल 112 से आम लोगों को काफी फायदा हो रहा है। पुलिस, एंबुलेंस और फायर के साथ ही किसानों और महिलाओं को भी मदद दी जा रही है। डॉयल 112 की टीम ने जन्म के लिए सुरक्षित प्रसव भी कराया है, तो दूसरी ओर खुदकुशी की कोशिश करने वालों को भी जान देने से बचाया है। करीब दो साल के भीतर 74 शिशुओं ने डॉयल 112 के ईआरवी वाहन में ही जन्म लिया। और पुलिस ने 12 हजार से अधिक लोगों को खुदकुशी करने से बचाया है। शुक्रवार को स्पेशल डीजी आरके विज ने डॉयल 112 की सालभर की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि शासन के मंशानुरूप पुलिस, फायर और एंबुलेंस की सेवाएं लोगों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा किसानों और महिलाओं को भी विशेष परिस्थितियों में मदद पहुंचाई गई है। इस मौके पर स्पेशल डीजी ने कोरोना के समय उल्लेखनीय कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया। इस दौरान डॉयल 112 एसपी धमेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
64 लाख से अधिक ने मांगी मदद

डॉयल 112 में अब तक कुल 64 लाख 80 हजार 158 लोगों ने कॉल करके विभिन्न तरह की मदद मांगी है। इसमें पुलिस से जुड़े कॉल 10 लाख 23 हजार 321, फायर संबंधी 15 हजार 938 और मेडिकल संबंधी 4 लाख 10 हजार 805 शामिल, महिला और बच्चों को सहायता के लिए 94 हजार 690, सड़क दुर्घटना के लिए 1 लाख 36 हजार 789, किसानों की 5 हजार 168, महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के मामले 634, आत्महत्या रोकने मदद 12 हजार 737, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के 31 हजार 585, ईआरवी वाहन में शिशुओं का जन्म 74 और कोरोना संबंधी मामलों में सहायता पहुंचाने के 19 हजार 813 मामले शामिल हैं।
दो साल पहले शुरू हुई थी योजना

लोगों को एक ही नंबर में सभी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 4 सितंबर 2018 को रायपुर में डॉयल 112 की सेवा शुरू की गई थी। इसके बाद 11 जिलों में इसकी सेवाएं शुरू की गई हैं। अन्य जिलों में भी यह योजना शुरू करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले लोगों को आगजनी, एंबुलेंस और पुलिस की मदद के लिए अलग-अलग नंबरों पर कॉल करना पड़ता था। बाद में सभी इमरजेंसी सेवाओं के लिए एक ही नंबर डॉयल 112 शुरू की गई है। रायपुर शहर में ही डॉयल 112 के 52 पाइंट हैं, जहां दिनरात ईआरवी वाहन खड़ी रहती है।
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