आयकर विभाग की टीम कारोबारियों के कोल डिपो और फर्म में कोयले के स्टॉक की जांच कर रही है। बताया जाता है कि कोल माइंस से रोजाना कई टन कोयले का परिवहन किया जाता था, लेकिन इसका कोई हिसाब तक नहीं रखा जाता था। हेराफेरी करने के लिए कोयले से भरे ट्रकों को सीधे फैक्ट्रियों भेज दिया जाता था। टीम फर्म के रजिस्टर और कैश बुक की भी जांच कर रही है।
छापेमारी करने से पहले आयकर विभाग की टीम को एक दिन पहले बुधवार को बिलासपुर में कैंप कराया था। सुबह करीब 8 बजे एक साथ उनके सभी ठिकानों पर दबिश दी गई। छानबीन के दौरान उनके रियल एस्टेट और राइसमिल से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। इन्हें जब्त कर कारोबारियों से पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि जमीन की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी के उनके दर्जनों मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगले 2-3 दिन में मामले का पूरा खुलासा हो जाएगा और ये पता चल जाएगा कि कितने की टैक्स चोरी हुई है. आयकर विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले काफी समय से कारोबारियों द्वारा टैक्स चोरी करने की शिकायत मिल रही थीं।