गाडिय़ों की स्पीड बढ़ाना बड़ी चुनौती
रेल अफसरों के सामने गाडिय़ों की स्पीड बढ़ाना बड़ी चुनौती बनी हुई है। रायपुर, बिलासपुर और नागपुर रेल लाइन पर यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाडिय़ों की आवाजाही का सबसे अधिक दबाव बना हुआ है। इससे 10 से 12 वर्षों में ही पटरी बदलने लायक हो जाती है। इसे देखते हुए बिलासपुर जोन को इस मद में वर्ष 2020 के लिए 570 करोड़ मिला है। माना जा रहा है कि इस दिशा में मेन रेल लाइन पर सबसे अधिक काम होगा। तब जाकर गाडिय़ों को स्पीड से चलाया जा सकेगा।
सिलयारी और उरकुरा क्रासिंग का रास्ता साफ
रायपुर रेल मंडल की सिलयारी, उरकुरा और कचना रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बनाने की संभावना बढ़ी है। बजट में 368.39 करोड़ रुपए बिलासपुर जोन को मिला है। रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर-बिलासपुर रेल लाइन के सबसे बड़े फाटक पर ट्रैफिक का सर्वे कराया जा चुका है। अफसरों का कहना है कि रेलवे और लोक निर्माण विभाग के संयुक्त बजट से ब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
नया रायपुर रेल लाइन दो साल में
नवा रायपुर और पुराने रायपुर को रेल सेवा से जोडऩे के लिए 2815 से मंदिर हसौद से केंद्री तक नई रेल लाइन का काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट 100 करोड़ था। जिसे 2018 में ही पूरा किया जाना था। लेकिन यह रेल लाइन अभी अधूरी है। अफसरों का कहना है कि 2022 तक नवा रायपुर में रेल लाइन दौडऩे लगेगी।
तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रेलवे