महाअष्ठमी में होगा ज्योति विसर्जन
मां महामाया मंदिर के पं मनोज शुक्ला ने बनाया कि सप्तमी तिथी पर माता के दरबार में सुबह से रात तक पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालु पहुंचते रहे। दोपहर के समय काफी भीड़ रही। रात ग्यारह बजे श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर से बाहर कर मंदिर के पट बंद किए गए। इसके बाद विधि विधान से मां भगवती की महानिशा पूजा कर प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए रखिए की बलि देने के रस्में पूरी की गई। महाअष्ठमी पर पूजन सुबह १० बजे से प्रारंभ होगा और रात में ज्योति कलश विसर्जित होगा।
ज्योत के दर्शन कर चरणामृत किया ग्रहण
शंकराचार्य आश्रम राजराजेश्वरी माता मंदिर में शाम ७ बजे महानिशा पूजन किया गया। वैदिक मंत्रोत्चार के बीच आश्रम के प्रमुख डॉ इंदुभवानंद ब्रम्हचारी महाराज ने आरती की।
महादेवघाट का विसर्जन कुंड तैयार
दुर्गा माताओं के विसर्जन के लिए निगम ने महादेव घाट के पास स्थित विसर्जन कुंड को दोबारा तैयार कर लिया है। विसर्जन के लिए निगम ने चाक चौबंद व्यवस्था की है। यहां क्रेन, लाइट, शामियाना, मंच, गोताखोर, चिकित्सा व्यवस्था की जाएगी। कुंड में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन 18 से 21 अक्टूबर की सुबह तक किया जाएगा। निगम आयुक्त रजत बंसल ने अधिकारियों कर्मचारियों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों एवं आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
कहां कितने बजे होगा हवन
– मां महामाया मंदिर में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक
– मां काली माता मंदिर में दोपहर 12 बजे से
– बंजारी धाम मंदिर में सुबह 8.30 बजे से
– शीतला माता मंदिर सुबह 10 बजे से
– कंकाली माता मंदिर में सुबह 11 बजे से
– दंतेश्वरी माता मंदिर सुबह 10 बजे से