आधुनिक प्ले स्कूल की तर्ज पर बने आंगनबाड़ी भवन में ग्रामीण बच्चे सीखेंगे अक्षर ज्ञान भगत ने कहा कि कोराना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी व्यक्ति एवं श्रमिक वापस छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इन प्रवासियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न मई और जून माह में दिया गया है। भगत ने इन प्रवासी श्रमिकों को जुलाई में भी नि:शुल्क चावल देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 51.50 लाख राशनकार्डधारियों को माह अप्रैल, मई एवं जून में नि:शुल्क खाद्यान्न आबंटन उपलब्ध कराया गया है। अभी कोरोना की समस्या कम नही हुई है। गरीब परिवारों के पास आजीविका के साधनों के अभाव को ध्यान में रखते हुए इन राशनकार्डधारियों को आगामी तीन माह जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर 2020 में भी नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। भगत ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 51.50 लाख राशनकार्डधारियों के अलावा राज्य योजना के तहत लगभग 14 लाख 10 हजार अतिरिक्त राशनकार्डधारियों को राज्य शासन द्वारा स्वयं के व्यय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। भगत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों के सामान ही राज्य योजना के राशनकार्डधारी हितग्राहियों को भी आगामी तीन माह जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में नि:शुल्क खाद्यान्न का आवंटन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। भगत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में 73 हजार से अधिक नवीन राशनकार्ड बनाए गए हैं, इन राशनकार्डों को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य किया जाए। मंत्री भगत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री पासवान को छत्तीसगढ़ का केन्द्रीय पूल में चावल 24 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 28.1 लाख मीट्रिक टन करने पर राज्य की जनता की ओर से धन्यवाद दिया। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।