आपको बता दें कि भाजपा ने इस बार नए प्रत्याशी पर दांव लगाते हुए इंद्र कुमार साहू को प्रत्याशी बनाया है। इंद्र कुमार साहू वर्तमान में बेन्द्री के सरपंच हंै। एक सरपंच से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक को मिली हार क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने लायक था. उनकी खुशी की सबसे बड़ी वजह जहंा भाजपा पिछले चुनाव में नगर से 23 सौ वोटस से शिकस्त पाई थी, वहीं इस बार उस गड्ढे को पाटकर 4637 वोट से बढ़त ली है. नगर के कुल21 वार्डों में से मात्र तीन वार्डों में कांग्रेस को बढ़त मिली, जबकि शेष सभी वार्डों में भाजपा ने बढ़त बनाकर रखी.
मुस्लिम समाज अध्यक्ष अल्तमश सिद्दीकी सहित सम्पूर्ण मुस्लिम समाज ने अभनपुर विधानसभा से भारी मतों से जीते इंद्र कुमार साहू को बधाई दी है। साथ ही छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली भारी बहुमत के लिए भी बधाई दी है. रविवार को प्रदेश के नतीजे आने के बाद लोगों में यह चर्चा रही कि जीत-हार का विश्लेषण तो राजनीति के अध्येतागण करेंगे, किन्तु पूर्ववर्ती सरकार ने सत्ता में आते ही राजिम कुंभ को बदलकर माघी पुन्नी मेला की घोषणा कर दी थी, जबकि भाजपा सरकार ने राजिम कुंभ की ख्याति देश-विदेश में फैला दी थी. अब भाजपा की सरकार बनने से लोगों में वापस पूर्व की भांति राजिम कल्प कुंभ की परिकल्पना साकार होने लगी है.
वहीं, अभनपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे धनेन्द्र साहू की करारी हार नवापारावासियों को हजम नहीं हो रहा है। चौक-चौराहों पर इसी बात की चर्चा कर रहे हैं कि पंाच बार विधायक रहने के बाद भी भूपेश सरकार के समक्ष अपनी जगह नहीं बना सके। शायद यही विधायक धनेन्द्र साहू के हार का कारण रहा।