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रायपुर

घटिया एक्सप्रेस-वे: जनता जिनके कारण महीनों रही परेशान, उन गुनहगारों की नहीं कर पाए पहचान

उच्चस्तरीय जांच में जिस तरह ओवरब्रिज निर्माण में तकनीकी खामियां सामने आई, उस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई किए जाने संबंधी फाइल बंद

रायपुरDec 14, 2019 / 06:59 pm

Nikesh Kumar Dewangan

घटिया एक्सप्रेस-वे: जनता जिनके कारण महीनों रही परेशान, उन गुनहगारों की नहीं कर पाए पहचान

घटिया एक्सप्रेस-वे: जनता जिनके कारण महीनों रही परेशान, उन गुनहगारों की नहीं कर पाए पहचान

रायपुर. राजधानी की एक्सप्रेस वे सड़क बरसात में धंस जाने के मामले में कार्रवाई को लेकर अभी पसोपेश की स्थिति है। जबकि उच्च स्तरीय कमेटी को राज्य शासन को जांच रिपोर्ट सौंपे हुए एक महीने से अधिक समय हो चुका है। दूसरी तरफ जहां तेलीबांधा आर्चब्रिज के अमलीडीह तरफ के ब्रिज के एप्रोच रोड की खुदाई पूरी हो चुकी है। वहीं स्टेशन से लगी हुई फाफाडीह और देवेंद्र नगर ओवरब्रिज के एक साइड नया निर्माण किया जाना तय हो चुका है। यह काम एक्सप्रेस-वे पर चल रहा है। लेकिन इस गड़बड़ी के लिए शासन अब तक दोषियों को पता नहीं लगा सकी है।
350 करोड़ की लागत से बनी यह सड़क लोकार्पण से पहले डैमेज हो जाने के कारण अगस्त में ही सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन वाली मुख्य तकनीकी परीक्षण सतर्कता विंग से से जांच करानी पड़ी थी। अफसरों की यह विंग दो महीने तक जांच करने के बाद जो रिपोर्ट शासन को सौंपी है, उस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका। जबकि एक्सप्रेस -वे सड़क निर्माण का भंडाफोड़ होने के बाद तत्कालीन राज्य सड़क विकास निगम के महाप्रबंधक जीएस सोलंकी को हटाया गया, जिनकी संविदा अवधि समाप्त हो जाने के बाद एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया था। लेकिन उच्चस्तरीय जांच में जिस तरह ओवरब्रिज निर्माण में तकनीकी खामियां सामने आई, उस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई किए जाने संबंधी फाइल बंद पड़़ी है। इस मामले को लेकर लोक निर्माण और राज्य सड़क विकास निगम के गलियारे में चर्चाएं गर्म हैं।
फाफाडीह-देवेंद्रनगर ब्रिज बनेगा दोबारा
एक्सप्रेस-वे सड़क का निर्माण राज्य सड़क विकास निगम द्वारा कराया गया है। विधानसभा चुनाव की आचार संहित लगने से फाफाडीह और तेलीबांधा आर्चब्रिज के दोनों तरफ का निर्माण पूरा हुआ था। जबकि देवेंद्र नगर, पंडऱी बस स्टैंड के पास रायपुर-बलौदाबाजार रोड क्रासिंग और शंकरनगर क्रासिंग में इससे पहले निर्माण हुआ। इन चारों ओवरब्रिज में से तेलीबांधा के अलावा स्टेशन के पास फाफाडीह और देवेंद्रनगर ओवरब्रिज एक तरफ के हिस्से का फिर से निर्माण कराने की स्थिति लगभग साफ हो चुकी है। उसी हिसाब से ओवरब्रिज की खुदाई भी कराई जा रही है। लेकिन कार्रवाई की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
जांच में ये मिलीं थी खामियां
यह बताना लाजिमी होगा कि राज्य शासन की मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता विंग के अफसरों ने एक्सप्रेस-सड़क के सभी पांचों ओवरब्रिज की जांच खुद करने के साथ ही एनआईटी के विशेषज्ञों से भी कराया। इस उच्चस्तरीय जांच की घोषणा 14 अगस्त को लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया था। इसके बाद 26 अगस्त से जो जांच शुरू हुई, वह तीन महीने तक चली। जांच में यह साफ हुआ कि सबसे अधिक लापरवाही ब्रिज के एप्रोच रोड के निर्माण के दौरान काम्पेकशन में की गई। यह भी सामने आए कि निर्माण के तय मानक का पालन नहीं किया गया। पानी निकासी सिस्टम नहीं होने के कारण ओवरब्रिज के स्पॉन से एरिया से अंदर घुसने के कारण तेजी से सड़क धंसकने लगी और लंबी दरारें आई।
फिर से निर्माण शुरू
तकनीकी रिपोर्ट सामने आने के बाद मैदानी स्तर पर एक्सप्रेस-वे सड़क के तेलीबांधा ओवरब्रिज जो काफी खतरनाक रूप ले चुकी थी, उसकी खुदाई कराई जा चुकी है। इस ब्रिज के अमलीडीह वाले हिस्से को ब्रिज के आखिरी स्पॉन से लेकर लगभग 400 मीटर लंबी एप्रोच ऑरीवाल के बीच बनी सड़क निर्माण की सामग्री बाहर निकाली जा चुकी है। एेसा ही काम अवंति विहार साइड भी चल रहा है। ओवरब्रिज के बीच का डिवाइडर तोड़ा जा चुका है।
सीएम सचिवालय के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे सड़क निर्माण मामले की गंभीरता को देखते हुए ही उच्च स्तरीय जांच कराई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जानी है। इसे जल्द ही दिखवाता हूं।

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