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रायपुर

2 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली पद्मश्री फूलबसन ने कभी गरीबी से लाचार होकर मरने का मन बना लिया था

अमिताभ बच्चन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की रहने वाली फूल बसन यादव महिलाओं के लिए मिसाल बनी हैं. उन्होंने अनगिनत महिलाओं को न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद की है, बल्कि बुराईयों से लड़ने के लिए भी आत्मनिर्भर बनाया है.

रायपुरOct 25, 2020 / 01:21 am

bhemendra yadav

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मुंबई. केबीसी 12 में शुक्रवार को कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में पद्मश्री से सम्मानित फूल बसन यादव बतौर गेस्ट आईं. वहीं उनका साथ देने आईं बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस रेणुका शहाणे. उन्होने 50 लाख रु. भी जीते . इस सीजन में 50 लाख रु जीतने वाली वह पहली प्रतिभागी है.
अमिताभ बच्चन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की रहने वाली फूल बसन यादव महिलाओं के लिए मिसाल बनी हैं. उन्होंने अनगिनत महिलाओं को न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद की है, बल्कि बुराईयों से लड़ने के लिए भी आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने बताया कि गरीबी की हालत में 7 साल की उम्र में उन्होंने मां-बाप को रोते हुए देखा था. हम लोग 5 बहनें तीन भाई थे. मुझे लगता था कि जो लोग बढ़े-लिखे होते हैं वो अच्छा पैसा कमा पाते हैं. मैंने बहुत कोशिश की, स्कूल गई तो गुरुजी ने कहा कि अपने पिता को लेकर आओ. पापा और मां से कहा जो दोनों ने जवाब दिया कि हम गरीब हैं और तुम तो बेटी हो पराया धन हो, पढ़के क्या करोगी.
फूलबासन बताती हैं कि मुझे 7 साल की उम्र में मुझे पता चल गया कि जिंदगी कितनी मुश्किल है. मेरे माता-पिता के शब्द आज तक नहीं भूल पाई हूं. फूलबासन ने बताया कि 10 साल की उम्र में शादी हो गई 14 साल की उम्र में ससुराल आ गई. मैं दूसरों के घर में काम करती थी और कई बार ऐसा होता था की घर में बच्चों को कुछ खिलाने को नहीं होता था. मैं गली में जाती थी तो लोग घर के दरवाजे बंद कर देते थे कि ये घर में सामान मांगने आ गई. एक वक्त ऐसा आया कि मैंने सोच लिया था कि खुद भी मर जाऊंगी और बच्चों को भी ऐसे गरीबी में नहीं रहने दूंगी. लेकिन मेरी बेटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि मां मैं मरना नहीं चाहती हूं. तभी मैंने ये तय कर लिया कि मैं कुछ ऐसा करूंगी, जिससे महिलाओं को इतना लाचार महसूस नहीं करना पड़े.

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