स्पष्ट है कि योजना के तहत अनुबंधित ऐसे अस्पताल जहां पर कोरोना बीमारी के इलाज की सुविधाएं मौजूद हैं, उन्हें इलाज करना होगा। वे मरीज को रेफर नहीं कर सकते। सरकार ही मरीजों का संपूर्ण इलाज के खर्च का भुगतान करेगी। पैकेज निर्धारित होने से अस्पताल अधिक चार्ज भी नहीं कर सकेंगे। उधर, बड़े अस्पतालों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 10 से 15 बिस्तर आरक्षित रखें। बता दें कि माना और एम्स में अभी 100-100 बिस्तर ही हैं, जो लगभग भरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में निजी अस्पतालों को भी तैयार रहना होगा।
सीएम रैंकिंग में भूपेश देश में दूसरे नंबर पर, 81फीसदी जनता खुश शंकराचार्य कॉलेज में भर्ती हो रहे मरीज
सरकार ने श्रीशंकाराचार्य मेडिकल कॉलेज भिलाई और क्रिश्चियन कॉलेज धमतरी को अधिग्रहित कर लिया है। श्रीशंकराचार्य कॉलेज में कोरोना मरीजों को भर्ती करवाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बढ़ती मरीजों की संख्या के मद्देनजर जल्द ही कुछ और निजी अस्पतालों को अधिग्रहित किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग, मेडिकल व लॉ के छात्रों को नहीं मिलेगा जनरल प्रमोशन स्वास्थ्य योजना में कोरोना बीमारी को शामिल करने को लेकर उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले हैं। जल्द इससे संबंधित सूचना जारी की जाएगी। निजी अस्पतालों को भी इलाज करना होगा।
-डॉ. श्रीकांत राजिमवाले, राज्य नोडल अधिकारी, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना