महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 28 सितंबर को भगत सिंह की 125वीं जयंती है। उस दिन छत्तीसगढ़ के मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी का शहादत दिवस भी है। इसी दिन महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in CG ) रखी गई है। इनका दावा है कि 10 हजार से अधिक किसानों इसमें शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ में किसान महापंचायत की घोषणा 24 और 25 अगस्त को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर हुए किसान संगठनों के 2 दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में हुई थी।
राजिम में ही क्यों हो रही है पंचायत
किसान नेताओं का कहना है, राजिम को इसलिए चुना गया है कि वह चार जिलों गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी और रायपुर का जंक्शन है। दूसरे जिलों के किसान भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। बरसात की संभावना को देखते हुए किसान संगठन खुले में आयोजन से परहेज कर रहे थे। राजिम के मंडी परिसर में बड़े-बड़े शेड हैं। यहां बरसात के बावजूद पंचायत जारी रखी जा सकती है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी (Kisan Mahapanchayat in CG) को लेकर राजिम में 28 सितम्बर को किसानों की महापंचायत होगी। इसमें दिल्ली में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैट के अलावा डॉ. दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. देवेंदर शर्मा जैसे अन्य वरिष्ठों को आमंत्रित किये गए है।