दरअसल, श्रीराम मंदिर के सामने की जहां रोड बनना है, फिलहाल शासन की जमीन है। यह सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज है। अब जब चूंकि नगरीय प्रशासन विभाग के यांत्रिकी प्रकोष्ठ द्वारा रोड का निर्माण शुरू किया, तो जमीन दूधाधारी मठ समिति ने अपनी जमीन बताकर निर्माण रुकवा दिया है। साथ ही जितनी जमीन पर रोड बनना है, उसका मुआवजा मांग रही है। हालांकि अभी मुआवजे की राशि कितनी मांग रही है ,समिति यह शासन के समक्ष नहीं रखी है।