मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रस्ताव रखते हुए इसे बड़ी राहत बताते हुए कहा कि अब किसान अकाल का मुकाबला करने को तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि 2022 के पहले किसानों की आय दोगुनी होगी। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ की पूरी टीम लगी हुई है। लेकिन विपक्ष ने किसानों की बेहतरी के लिए हुए सरकारी उपायों को नाकाफी बताया। कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि बोनस देने और समर्थन मूल्य में धान खरीदी के मामले में सरकार की नीयत कभी साफ नहीं रही। भाजपा ने किसानों से धान का २१०० रुपया समर्थन मूल्य और ३०० रुपया प्रति क्विंटल बोनस देने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद उससे मुकर गए। अगर सरकार वादे के मुताबिक हर साल धान पर बोनस देती तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत नहीं पड़ती। भूपेश ने कहा कि इसके बाद भी सरकार किसानों को केवल एक साल का बोनस देने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की हितचिंतक है तो उसे हर साल का बोनस और उसका ब्याज भी देना चाहिए।
Read more: धान किसानों के बोनस के लिए मिले 21 सौ करोड़, विपक्ष ने मांगा दो वर्षों का बकाया बघेल ने कहा कि सरकार मंत्री और अफसरों को घूमने के लिए तो पैसा दे सकती है, लेकिन अन्नदाता को देने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। भूपेश ने कहा कि प्रदेश में ३७ लाख से ज्यादा किसान है, लेकिन सोसायटियों में केवल १४ लाख ५१ हजार किसानों का पंजीयन होता है। सरकार अब भी कह रही है कि केवल १३ लाख किसानों को ही धान का बोनस देगी। बाकी किसानों को बोनस का लाभ नहीं मिलेगा।
विस घेराव करने निकले प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी, पुनिया, भूपेश समेत कई दिग्गज गिरफ्तार किसानों की आत्महत्या का मसला उठाभूपेश बघेल ने दुर्ग और जांजगीर चांपा जिलों में पिछले दिनों आत्महत्या किए किसानों का मसला उठाया। उनका कहना था कि दुर्ग जिले के सुखित पटेल और जांजगीर-चाम्पा के जगदीश बघेल ने भारी कर्ज और फसल नुकसान की वजह से इन किसानों ने आत्महत्या की है। उनको सरकार के बोनस से कोई उम्मीद नहीं दिखी। सत्यनारायण शर्मा, कवासी लखमा और बसपा विधायक केशव चन्द्रा ने भी इसकी चर्चा की। अरुण वोरा ने मुआवजे की मांग उठाई।
रेणु जोगी के टिकट पर चर्चा : एक समय एेसा आया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष विधायक रेणु जोगी के टिकट पर उलझ पड़े। अनुपूरक पर बोलते हुए रेणु जोगी ने कहा कि रमन सिंह ने बोनस के रूप में सोने का हिरन दिखाया है। चुनावी वर्ष है पीसी सरकार के मायाजाल की तरह अभी स्मार्टफोन पिटारे से बाहर निकला है। एेसी ही दूसरी घोषणाएं होंगी, लेकिन उम्मीद है कि जनता अब भाजपा को नहीं चुनेगी। लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने पूछ लिया कि पहले आप यह तो बता दीजिए कि कांग्रेस आपको टिकट देगी भी या नहीं?
किसानों की आत्महत्या का मसला उठा
रेणु मुस्कराईं तो नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव आगे आ गए। उन्होंने कहा कि लडऩा चाहेंगी तो जरूर मिलेगा। विधायक दल की बैठक में इसपर बात हो चुकी है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, भाभी ने यह नहीं बताया कि भाजपा नहीं तो किसकी सरकार बनेगी। कांग्रेस की या फिर…।
जनता कांग्रेस ने बाहर से बोला हमला जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा कि जिस प्रकार कई लोंग जानलेवा ब्ल्यू ह्वेल गेम के झांसे में अपनी जान गवां बैठे हैं उसी प्रकार सरकार के झूठे वादे में फंसकर किसान कर्ज लेकर फसल बोता है, अक्सर खराब मौसम और सरकारी अनुदान के अभाव में किसान बुरी तरह फंस जाता हैं दर्दनाक टॉस्क की तरह न तो घोषित समर्थन मूल्य में किसान की धान खरीदी होती, न ही उसे बोनस मिलता हैं, न ही उसे बीमा मिलता हैं और न ही मुआवजा और अंत में मजबूर किसान आत्महत्या कर लेता हैं। प्रदेश भर के 37 लाख 47 हजार किसानों में 10 लाख 50 हजार किसान ही नार्बाड में पंजीकृत हैं और सरकार उन्हें ही कर्ज देती हैं जबकि बाकी किसान सेठ, साहूकारों, व्यापारीयों से उंचे ब्याज दरों पर कर्ज लेते हैं। कर्ज के बोझ में दबते जाते हैं जिसकी सरकार को कभी चिंता नहीं रही हैं।