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रायपुर

राशन दुकानों की नियमित जांच फिर भी वास्तविक व ऑनलाइन स्टॉक में अंतर, मॉडयूल की रिपोर्ट पर उठा सवाल

– एक खाद्य अफसर को हर महीने 10 दुकान की जांच का जिम्मा

रायपुरFeb 08, 2020 / 08:56 pm

CG Desk

राशन दुकानों की नियमित जांच फिर भी वास्तविक व ऑनलाइन स्टॉक में अंतर, मॉडयूल की रिपोर्ट पर उठा सवाल

राशन दुकानों की नियमित जांच फिर भी वास्तविक व ऑनलाइन स्टॉक में अंतर, मॉडयूल की रिपोर्ट पर उठा सवाल

रायपुर । सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन दुकानों में राशन के वास्तविक और आनलाइन स्टॉक में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। इससे दुकानों की कथित तौर हर महीने जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। यहीं नहीं, अधिकारी दुकानों की जांच कर विभाग के ऑनलाइन मॉड्यूल में रिपोर्ट भी सबमिट कर रहे हैं। ऐसे में राशन के स्टॉक में अंतर बड़े खेल की ओर इशारा कर रही है।
खाद्य विभाग के संचालक ने 25 मई 2017 को एक आदेश जारी कर हर जिले के खाद्य नियंत्रक, सहायक खाद्य अधिकारी व निरीक्षकों को हर महीने 10 राशन दुकान की जांच कर अपने मॉड्यूल में भरने का आदेश दिया है। इन राशन दुकान का चयन भी संचालक खाद्य के द्वारा किया जाता है। रायपुर के खाद्य नियंत्रक को भी अप्रैल से दिसंबर 2019 तक हर महीने 10 राशन दुकान जांच के लिए दिया गया है। लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। इन राशन दुकानों की सूची विभाग से ली जा रही है।
विभाग के एक खाद्य निरीक्षक ने बताया कि रायपुर के फ़ूड कंट्रोलर किसी भी महीने संचालक द्वारा दिये गए राशन दुकान की जांच नहीं करते। पिछले 9 महीने में शासन के नियमानुसार 90 राशन दुकानों की जांच नहीं की गई। कथित जांच के बाद राशन दुकान के रजिस्टर में दस्तख़त नहीं है। केवल बोगस जांच का आंकड़ा मॉड्यूल में भर दिया गया है।
कंट्रोलर के लिए भी निर्देश
जिले के राशन दुकान के संचालकों का कहना है कि खाद्य नियंत्रक हर महीने नए फ़ूड इंस्पेक्टर को भेजकर जांच कराते हैं। एक इंस्पेक्टर पुराने वार्ड तो दूसरा नये वार्ड के हिसाब से जांच कर रहा है। बताया जाता हैं कि रायपुर में नए वार्ड औऱ इनके पार्षद निर्वाचित हो गए हैं, लेकिन खाद्य विभाग में पुराने वार्ड से इंस्पेक्टर काम कर रहे है। जिसके कारण एरिया में जांच के नाम पर विवाद हो रहा है।
कार्रवाई का प्रावधान
खाद्य संचालक के आदेश में लिखा गया है कि किन 10-10 दुकानों की जांच करनी है, इसकी जानकारी सभी को मुख्यालय से उनके मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से भेजी जा रही है। भेजे गई दुकानों की सूची की जांच न करने पर संबंधित पर कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
वर्जन
सभी जिलों के नियंत्रकों और निरीक्षकों को मॉड्यूल पर जांच के निर्देश दिए जाते हैं। यदि जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है तो स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी जाएगी।
कमलप्रीत सिंह, संचालक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
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