राज्य में मंदी का असर नहीं हुआ
सीएम ने समिट में कहा कि देश को भावनात्मक आधार पर नहीं चला सकते, इसके लिए अर्थव्यवस्था में सुधार करना ही होगा। समिट को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ किया गया है, किसानों से 2500 रुपए क्विंटल धान खरीदा जा रहा है, यही वजह है कि राज्य में मंदी का असर नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल्स, रियल इस्टेट सहित सभी क्षेत्रों में उछाल देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा आम जनता के जेब में पैसे डालने पर ही बाजार में पैसे आएंगे।
पलायन वाला दौर अब छत्तीसगढ़ में नहीं रहा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, दुनिया में ऐसे उदाहरण कम होंगे कि ग्रामीण व्यवस्था के सुधार में खेती छोड़ चुके किसान हजारों की संख्या में वापस खेतों में लौट आए है। पलायन वाला दौर अब छत्तीसगढ़ में नहीं रहा है, पुनर्वास का यह नया दौर है, जो छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास की तस्दीक करता है। समिट में देश-विदेश से आए ख्याति प्राप्त बुद्धिजीवी भी उपस्थित थे। जीएसटी पर राज्यों को मिलने वाले क्षतिपूर्ति अनुदान से सम्बंधित एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में क्षतिपूर्ति की मांग वर्ष 2018-19 में बढक़र 6500 करोड़ हो जाएगी। केंद्र द्वारा अब तक जीएसटी कंपनसेशन रिलीज नहीं होने से राज्य को राजस्व की बड़ी हानि हो रही है और विकास के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है
सीएम ने कहा कि, हमारी सरकार ने नेहरू – गांधी की विचारधारा को आत्मसात किया है। हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है। अनुसूचित-जाति-जनजाति व पिछड़े वर्गो के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम, इसी प्रतिबद्वता और जन विकास के औजार के सहारे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ की उदार विरासतों, अपार संसाधनों और उत्साही नीतियों के कारण देश में छत्तीसगढ़ विकास और विश्वास का प्रतीक बन गया है।