इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के 6 अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जानी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व व वर्तमान आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले से संबंधित दस्तावेज 15 दिन में समाज कल्याण विभाग से जब्त करने कहा गया था। जिसके बाद सीबीआई ने 5 फरवरी को एफआईआर दर्ज कर ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अफसर एमके राउत और विवेक ढांढ की याचिका पर यह रोक लगाई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश जारी किया।इस मामले में हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन खारिज किया जा चुका था। सुप्रीम कोर्ट मे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी पठारिया ने पैरवी की।
किस्सा घोटाले का
समाज कल्याण विभाग मे फर्जी एनजीओ बनाकर हुए घोटाले को लेकर रायपुर के रहने वाले कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका मे कहा गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। इसी मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने सीबीआई से एफआईआर दर्ज कर जांच करने कहा था।