scriptशिक्षा विभाग में 366 करोड़ के भ्रष्टाचार वाली कथित डायरी पूर्व डीईओ की काल्पनिक रचना, संविदा नहीं मिलने से मंत्री-अफसरों को सबक सिखाने रची थी साजिश | The alleged diary of corruption of 366 crores in the Education Department was a fictional creation of the former DEO, a conspiracy was hatched to teach a lesson to the minister-officers due to non-receipt of contract | Patrika News
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शिक्षा विभाग में 366 करोड़ के भ्रष्टाचार वाली कथित डायरी पूर्व डीईओ की काल्पनिक रचना, संविदा नहीं मिलने से मंत्री-अफसरों को सबक सिखाने रची थी साजिश

शिक्षा विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में 366 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली शिक्षामंत्री के पीए की कथित डायरी रायपुर के पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर की काल्पनिकता थी। चंद्राकर ने यह डायरी पैसे देकर दूसरे से लिखवाई। फिर अपने दो साथियों की मदद से डाक के माध्यम से एक शिकायत विभाग में करवाई। शिकायत पत्र से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस में शिकायत होने के बाद मामले की जांच हुई। जांच में खुलासा हुआ कि साजिश के तहत पूर्व डीईओ चंद्राकर ने अपने साथी संजय सिंह ठाकुर और कपिल कुमार के साथ मिली

रायपुरJan 16, 2022 / 12:09 pm

narad yogi

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पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर सहित तीन गिरफ्तार,पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर सहित तीन गिरफ्तार

रायपुर.

शिक्षा विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में 366 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली शिक्षामंत्री के पीए की कथित डायरी रायपुर के पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर की काल्पनिकता थी। चंद्राकर ने यह डायरी पैसे देकर दूसरे से लिखवाई। फिर अपने दो साथियों की मदद से डाक के माध्यम से एक शिकायत विभाग में करवाई। शिकायत पत्र से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस में शिकायत होने के बाद मामले की जांच हुई। जांच में खुलासा हुआ कि साजिश के तहत पूर्व डीईओ चंद्राकर ने अपने साथी संजय सिंह ठाकुर और कपिल कुमार के साथ मिलीभगत करके किया था। इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया।
इसलिए किया ऐसा
पुलिस के मुताबिक पूर्व डीईओ चंद्राकर जनवरी 2021 में रिटायर हो गए थे। इसके बाद उन्होंने रायपुर डीईओ के रूप में संविदा मांगी, लेकिन उन्हें न हीं मिली। उनके जगह पर एएन बंजारा की पोस्टिंग हो गई। संविदा नहीं मिलने के लिए वे डीईओ बंजारा, ज्वाइंट डायरेक्टर केसी काबरा, ओएसडी आरएन सिंह, एबीईओ प्रदीप शर्मा व मंत्री के निज सचिव अजय सोनी को जिम्मेदार माना और उन्हें सबक सिखाने के लिए यह कृत्य किया है।
चौकीदार से लिखवाया डायरी
पुलिस का दावा है कि आरोपी चंद्राकर ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक जितने भी ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई है, उसके आदेश का निकाला। इसके बाद अपने घर के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग के चौकीदार भुवनेश्वर साहू को दो डायरी दी। और उसमें आदेश को लिखने बोला। और हर आदेश के सामने कुछ लोगों के नाम व उसमें राशि लिखने को कहा। इस तरह करीब 366 करोड़ रुपए का लेन-देन का ब्यौरा कथित डायरी में दिया गया था। फिर इसके आधार पर एक शिकायत पत्र बनाया गया। शिकायत टाइप करने के लिए पूर्व डीईओ चंद्राकर ने होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज रामकुंड में सचिव संजय सिंह से संपर्क किया। संजय ने अपने ऑफिस के सहयोगी कपिल कुमार से मिलवाया। इसके बाद कपिल ने पूर्व डीईओ द्वारा दिए शिकायत पत्र को आशुतोष चावरे के नाम से टाइप किया। इसके बाद सील बनवाकर उसमें सील लगाया। बाद में शिकायत को पोस्ट ऑफिस में जाकर पोस्ट कर दिया। इस पूरे काम के लिए कपिल को 2500 रुपए मिला।
उपसंचालक ने की थी शिकायत
कथित डायरी में लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे, संयुक्त संचालक काबरा, एसडीओ आरएन सिंह, एबीईओ प्रदीप शर्मा, मंत्री के निज सचिव अजय सोनी आदि के नाम थे। पूर्व डीईओ द्वारा की गई फर्जी शिकायत अधिकारियों व अन्य माध्यमों में प्रचारित हुई, तब उप संचालक चावरे ने राखी थाने में मामले की शिकायत की। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान राखी टीआई कृष्णचंद सिदार और उनकी टीम ने स्पीड पोस्ट से भेजे गए शिकायत पत्र पर फोकस किया। और पहले पोस्ट ऑफिस में पोस्ट करने वाले का डिटेल निकाला गया। सीसीटीवी फुटेज में पोस्ट करने वाले का फुटेज मिला। इसके आधार पर कपिल कुमार देवदास की पहचान की गई। तकनीकी जांच से कपिल का मुख्य आरोपी पूर्व डीईओ चंद्राकर से संबंध होने का पता चला। इसके बाद पुलिस ने अजय सोनी से पूछताछ की। उसने कथित डायरी में अपनी लिखावट होने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने चंद्राकर को पकड़ा और पूछताछ की। उसने अपने साथी संजय सिंह और कपिल के साथ मिलकर कथित डायरी लिखना और शिकायत करवाने का खुलासा किया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। तीनों को जेल भेज दिया गया है।
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