
बलौदाबाजार से 40 किमी और रायपुर से 125 किलोमीटर दूरी पर स्थित है सतनाम पंथ का प्रमुख धाम गिरौदपुरी। ये धाम छत्तीसगढ़वासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि गिरौदपुरी में दुनिया का सबसे ऊंचा जैतखाम बनाया गया है। गिरौदपुरी में बना भव्य जैतखाम आकर्षण का केंद्र है।

इंजीनियरिंग का करिश्मा कहा जाने वाला ये मोन्यूमेंट अपनी संरचना के चलते बेहद शानदार है, इसकी ऊंचाई दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ज्यादा है।

गिरौधपुरी जैतखाम की ऊंचाई दिल्ली के कुतुबमीनार से भी ज्यादा है। इसकी ऊंचाई 243 फीट है, जबकि कुतुबमीनार 237 फीट ऊंचा है।

बाबाजी ने जीव-जंतुओं, जंगली जानवरों के संकट निवारण के लिए अपने अलौकिक शक्ति से यहां 'अमृतजल' प्रकट किया था

इसका पवित्र अमृतजल बरसों रखने पर भी कभी खराब नहीं होता ऐसी मान्यता है कि इसके पीने से सभी कष्टों का निवारण होता है।

गिरौदपुरी धाम में साल भर श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकि फाल्गुन पंचमी में लगने वाले तीन दिवसीय मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

रायपुर हवाई अड्डा, यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। रेल मार्ग की बात करें तो भाटापारा और बिलासुर निकटतम रेलवे स्टेशन हैं।

जैतखाम के ऊपर से कुदरत का अद्भूत नजारा दिखाई देता है यहां पहुंचने के लिए स्पायरल सीढ़ी बनाई गई है।