2 शारीरिक निष्क्रियता
खाना खाने के साथ जरूरी होता है उसका पचना। अगर आप भोजन को पचाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं तो ये आपके पाचन तंत्र और अन्य अंगों के लिए अच्छा नहीं है। शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने या एक ही जगह बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म घटता है। जिससे आपका वजन भी बढ़ता है और पाचन संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। इसलिए खाने के बाद वॉक करें।
5 डिब्बाबंद खाने से
पैकेज्ड फूड एक सुविधाजनक स्नैक है, जिसे आप आसानी से कभी भी खा सकती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ये आपके शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। डिब्बाबंद भोजन में सोडियम उच्च मात्रा में होता है। जो कुछ लोगों में पेट की सूजन पैदा करने लगता है। जिससे पेट फूलने जैसी समस्या बनी रहती है, जहां तक संभव हो घर का बना ताजा खाना खाएं।
6 सोडा या कार्बोनेटेड ड्रिंक
कार्बोनेटेड पेय, जैसे सोडा या स्पार्कलिंग पानी, सूजन का एक सामान्य कारण हो सकता है। सोडा आपके पेट में गैस बनाता है, जिससे सूजन, डकार और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। कोशिश करें कि कम से कम सोडा लें। आप इसकी जगह खीरा या नींबू पानी पी सकती हैं।
7 देर रात खाना
आयुर्वेद के मुताबिक सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक रात का भोजन कर लेना चाहिए। मगर मौजूदा लाइफस्टाइल में हमारे डिनर का टाइम बिल्कुल बदल गया है। जबकि देर रात खाना खाना पाचन तंत्र पर असर डालता है। जिससे पेट में गैस और भारीपन की समस्या होती है। दरअसल जब भी आप रात में देर से खाना खाते हैं और उसके बाद सो जाते हैं तो वो खाना पचता नहीं है। ये बिना पचा हुआ खाना गैस, पेट दर्द और कब्ज का कारण बनता है। इसलिए कोशिश करें खाना सूर्यास्त के बाद ही खा लें।
पेट संबंधी अन्य समस्याओं को भी जन्म देता है बार-बार पेट फूलना
इससे पेट में पानी भर सकता है और पेट में ट्यूमर भी हो सकता है।
सीलिएक रोग ये ग्लूटेन युक्त खाद्य के सेवन से पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्या, जिसमें छोटी आंत में सूजन या क्षति पैदा होती है।
डंपिंग सिंड्रोम ये पेट से जुड़ी सर्जरी के कारण पैदा होने वाली समस्या है, जिसमें भोजन पेट के पहले भाग से तेजी से गुजरने लगता है। इसके कारण ओवेरियन (अंडाशय) कैंसर हो सकता है।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स डिजीज इसमें पाचन संबंधी विकार जिसमें पेट में मौजूद एसिडिक जूस गले में आ जाता है।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ये आंतों से संबंधित विकार है जिसमें पेट में दर्द, ऐठन, गैस के साथ-साथ दस्त और कब्ज की समस्या भी देखी जा सकती है।
लैक्टोज इंटॉलरेंस यानी दूध और अन्य सामग्रियों को पचाने में परेशानी होती है।
छोटी आंत के बैक्टीरिया का अधिक बढऩा, बहुत अधिक खाना और अधिक वजन बढऩा।
लेडीज, सही पोषण युक्त आहार जहां आपको लंबे समय तक स्वस्थ रखता है, वहीं खानपान की ये गलत आदतें आपको पेट के गंभीर रोग भी दे सकती हैं। इसलिए इनसे बचें और हेल्दी रहें।