विश्वविद्यालयों में शीतकालीन अवकाश नहीं, 6 दिन लग सकती हैंं कक्षाएं
विवि अनुदान आयोग ने कुहड़ कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इस पर विचार कर अमल करने कहा
विश्वविद्यालयों में शीतकालीन अवकाश नहीं, 6 दिन लग सकती हैंं कक्षाएं
रायपुर . नया शिक्षण सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालयों में 5 की बजाए 6 दिन शैक्षणिक कार्य होगा। शीतकालीन, ग्रीष्मकालीन और अन्य अवकाश पर पाबंदी लग सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कुहड़ कमेटी के रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कुलपतियों को इस पर विचार कर अमल करने कहा है।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी सुपर्णसेन गुप्ता ने बताया, कि कुहड़ कमेटी की रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं। जिसमें अवकाश को खत्म करने, शैक्षणिक कार्य छह दिन करने कहा गया है। इसके अलावा भी कई चीजें हैं। जैसे परीक्षा अवधि को दो घंटे करने, 25 फीसदी ऑनलाइन कोर्स, परीक्षा न होने की स्थिति में 50 प्रतिशत अंक इंटरनल असेसमेंट, स्काइप या अन्य मीटिंग एप के माध्यम से व्यावहारिक परीक्षा और मौखिक परीक्षा का आयोजन, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पीएचडी, एमफिल के लिए मौखिक परीक्षाओं का संचालन, प्रत्येक विश्वविद्यालय परीक्षा, अकादमिक गतिविधियों से संबंधित शिकायतों के लिए प्रकोष्ठ स्थापित करने और ऑनलाइन एजुकेशन के लिए स्वयं प्रभा, गूगल क्लासरूम,गूगल हैंगआउट, यू ट्यूब चैनल अपनाने तथा दाखिले की प्रक्रिया 31 अगस्त पूरी करने कहा है। कमेटी के सुझाव को सभी विश्वविद्यालय अपनी परिस्थिति व सुविधानुसार अमल कर सकते हैं।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी संजय नैय्यर का कहना है कि यूजीसी ने कुहड़ कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट को अमल लाने के लिए कार्य परिषद में रखा जाएगा। कार्य परिषद में चर्चा के बाद आगे की रणनीति तैयारी की जाएगी।