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रायसेन

हनुमानजी शिव के अवतार हैं, उन्हें जाति में बांधना उचित नहीं

केसरी नंदन हनुमान महाराज साक्षात भगवान शिव के रूद्र अवतार हैं, उन्हें किसी जाति विशेष में बांधना अज्ञानता व मूर्खता है।

रायसेनDec 04, 2018 / 11:12 pm

chandan singh rajput

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Sankheda ‘Kesari Nandan Hanuman Maharaj is in fact the Rudra Avatar of Lord Shiva, binding him in a particular caste is ignorance and stupidity. The Gnani names are prominent and their personality is published by millions of Suns. He is such a god in reality. Who provide Ashta Siddhi, Navinidha. It can not be fair to bind them.

सांईखेड़ा. ‘केसरी नंदन हनुमान महाराज साक्षात भगवान शिव के रूद्र अवतार हैं, उन्हें किसी जाति विशेष में बांधना अज्ञानता व मूर्खता है। वह ज्ञानी नाम अग्रगण्य हैं और उनका व्यक्तित्व करोड़ों सूर्यों से प्रकाशित है। वह साक्षात ऐसे देवता हैं। जो अष्ट सिद्धि, नवनिधि प्रदान करते हैं। उन्हें जाति में बांधना उचित नहीं हो सकता है। यह विचार आचार्य डॉ. रामाधार उपाध्याय विद्यावाचस्पति ने व्यक्त किए। आचार्य पंडित रामाधार उपाध्याय साईंखेड़ा ग्राम के श्रील़़क्ष्मी नारायण मंदिर में आयोंजित सप्त दिवसीय श्रीलिंग पुराण कथा के समापन सत्र को सबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम का समापन मंगलवार को किया गया। कथा प्रारंभ होने के पूूर्व श्रद्धालुओं के द्वारा व्यास गादी की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई। इस अवसर पर आचार्य डॉ. रामाधार उपाध्याय ने कहा कि ‘जातियां मनुष्य की होती हैं देवताओं की जाति कदापि नहीं होती। यदि विश्लेषण करना ही है। तो वह ब्रह्मरुप भगवान शिव के अंश से अवतरित होने के कारण ब्राह्मण कहलाएंगे और यदि उनके माता-पिता को हम जाने तो उनकी माता अंजना ऋषि की पुत्री हैं।
जाति में बांधकर देवत्व का किया अपमान…
उन्होंने बताया कि वह संकटमोचक हैं और हनुमान ऐसे देवता हैं कि जो स्वप्न में भी सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। यदि हमारे जीवन में कोई विघ्न बाधा है। कोई भी संकट है, तो हनुमान महाराज उसको समूल नष्ट करके हमारे लिए मंगल प्रदान करते हैं। वह मंगल मूर्ति देवता सदैव मंगल करने वाले हैं। सभी जाति सभी वर्णों, स्त्री पुरुष सभी के कल्याण के लिए हनुमान महाराज तत्पर हैं। उन्हें किसी जाति में बांधकर उनके देवत्व का अपमान कर रहे हैं।
जगत कल्याण के लिए हुआ है अवतार
हनुमान महाराज रूद्र अवतार हैं और उनका अवतार जगत कल्याण के लिए ही हुआ है। हनुमान महाराज हमारे जीवन में शुभ और मंगल करते हैं और भगवान की अमोघ भक्ति हमें प्रदान करते हैं। वह इस विकराल कलि कलिकाल के राजा हैं। परमात्म तत्व से परिचित कराने का सामर्थ हमें यदि कहीं से प्राप्त होता है तो वह हनुमान महाराज से प्राप्त होता है। वह प्रत्येक ग्राम के अधिष्ठाता देव के रूप में कलयुग में विराजमान हैं। हम उनका अनुग्रह प्राप्त करके कष्टों से मुक्त होते हैं।

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