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युवा पीढ़ी देख सकेगी पुराने जमाने की ट्रेन
पहले पटरी पर दौड़ रही ट्रेन को लालटेन दिखाकर लाइन क्लीयर होने का संकेत दिया जाता था। अब यह व्यवस्था सिग्नल आधारित हो गई है। छुक-छुक कर दौड़ते भाप वाले इंजनों की जगह बिजली चलित इंजनों ने ले ली है। युवा पीढ़ी ने रेलवे की पुरानी तकनीक और उपकरणों को नहीं देखा है, ऐेसे लोगों के लिए सांची स्टेशन पर संग्रहालय बनाया गया है।जिसमें पुराने समय के तमाम उपकरण सजाकर रखे गए हैं। संग्रहालय का शुभारंभ करते हुए मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने बताया कि पहले इंजन कोयला से चलते थे और उन्हें चलाने में अधिक स्टाफ की आवश्यकता होती थी, अब केवल 2 लोग ही ट्रेन में चालक के रूप में उपलब्ध रहते हैं। पुराने उपकरणों और उन के उपयोग की तकनीक के बारे में बताते हुए डीआरएम ने नगर के लोगों से भी बात की। उन्होंने कहा कि सांची स्टेशन पर जो सवारी ट्रेन नहीं रुक रही हैं, उन्हें जल्द रोकने की तैयारी है।
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संग्रहालय में दिखेंगे 100 साल से भी पुराने रेलवे उपकरण
रेलवे मे वर्षों पहले उपयोग में आने वाली सामग्री को सहजकर रखने के लिए सॉची रेलवे स्टेशन जो संग्राहालय बनाया गया है उसमें वर्षों पुरानी रेलवे सामग्री जैसे मॉडल रेल इंजन, पुरानी टेनिस, स्टोप पम्प की लाईट, पुराने औजार, टेलीफोन आदि को रखा गया है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के कारण सांची में बड़ी संख्या में पर्यटक देश विदेश से आते हैं जो अब बिना टिकिट लिए रेलवे स्टेशन पर बने इस संग्रहालय को भी देख सकेंगे।
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