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रायसेन

धूल खा रही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला

उद्घाटन के बाद भी नहीं खुल रहा कार्यालय, विभाग की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे किसान।कार्यालय खुला नहीं बिजली बिल आ गया 1 लाख 21 हजार 511 रुपए।

रायसेनMar 03, 2020 / 12:30 pm

praveen shrivastava

धूल खा रही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला

धूल खा रही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला

अखिलेश शर्मा, उदयपुरा. सरकार द्वारा किसानो के खेतों की मिट्टी का परीक्षण करने खोली गई प्रयोगशाला उद्घाटन के बाद भी बंद पड़ है। प्रयोगशाला के प्रवेश द्वार को कंटीली झाडिय़ां डालकर बंद कर दिया गया है। उक्त केंद्र का उद्घाटन उदयपुरा के एसएडीओ एवं नोडल केके धाकड़ ने 26 जनवरी को किया था। परन्तु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते मिट्टी परीक्षण केंद्र में ना पर्याप्त स्टाफ है ना ही मशीने है ना ही फर्नीचर है। जिसके चलते इसे खोला ही नहीं गया है। जिससे किसानो के खेतों की मिट्टी का परीक्षण यहां नहीं हो पा रहा है। प्रयोगशाला का निर्माण लगभग 18 माह पहले ही पूर्ण हो गया था। जिसका शुभारंभ 26 जनवरी को हुआ था।
प्रयोगशाला में सिर्फ एक प्रभारी अधिकारी केशव प्रसाद भटेले के साथ रघुवीर प्रसाद कुशवाहा प्रभारी एटीएन आत्मा बिभाग को नियुक्त किया गया है। जबकि कोई तकनीकी कर्मचारी नहीं है। जिससे मिट्टी का परीक्षण नहीं हो पा रहा है।
भवन के आने लगी हंै दरारें
लाखों की लागत से बने मिट्टी परीक्षण केंद्र में जगह जगह से दरारे आने लगी हैं। साथ ही यह केंद्र अधिकारियों की उदासीनता के चलते मिट्टी खाता नजर आ रहा है।
बिना खुले आया सवा लाख बिजली बिल
जो मिट्टी परीक्षण केंद्र आज तक खुला ही नहीं उसका बिजली बिल जरूर आ गया है। बिजली कंपनी ने विभाग को एक लाख 21 हजार 511 को बिल थमा दिया है। कृषि विभाग का कहना है कि प्रयोगशाला का बिजली कनेक्शन कटा होने के बाद भी बिल आ गया है। जबकि बिजली कंपनी के जेई नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि परीक्षण केंद्र का कनेक्शन नहीं कटा है।
इनका कहना है
– मैं भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी के रूप में रायसेन में पदस्थ हूं। मुझे उदयपुरा का अतिरिक्त प्रभार नोडल अधिकारी केके धाकड़ द्वारा दिया गया है। परन्तु हमारे पास ना स्टाफ है ना मशीनरी और ना फर्नीचर है यहां तक के चौकीदार तक नहीं है।
केशव प्रसाद भटेले, प्रभारी अधिकारी मिट्टी परीक्षण केंद्र उदयपुरा
– उदयपुरा का मृदा परीक्षण केंद्र बंद है। केंद्र सरकार की यह योजना उदयपुरा में मजाक बन गई है। किसानों को कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिससे उन्हे कोई फायदा नहीं हो रहा है।
सुनील दीक्षित, जगरुक किसान ग्राम पटना
– बीजेपी के समय से भवन बना है। इसका उद्घाटन किसने कर दिया पता नहीं है। किसानों की मिट्टी परीक्षण के लिए यह बिल्डिंग बनाई गई है, लेकिन परीक्षण शुरू नहीं हुआ यह दुर्भाष्य है। बिजली बिल आना भी चौकाने वाली बात है। लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चहिए।
नेतराम कौरव, कृषि समिति अध्यक्ष जिला पंचायत
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