खेतों में जल राज बेतवा ने तोड़े तटबंध, खेतों से सड़क तक पहुंचकर रोका रास्ता।
रायसेन से सांची और विदिशा का सड़क संपर्क रात से शाम तक टूटा रहा।
खेतों में जल राज बेतवा ने तोड़े तटबंध, खेतों से सड़क तक पहुंचकर रोका रास्ता।
रायसेन. मंगलवार सुबह से बुधवार की शाम तक जिले में कहीं बारिश नहीं हुई, सुबह से धूप खिली जिससे लोगों को राहत मिली, लेकिन बेतवा नदी ने उग्र होते हुए अपनी सीमा से बाहर निकलकर हजारों हैक्टेयर में विस्तार कर लिया। पग्रेश्वर के आस-पास हुए बेतवा के इस विस्तार की चपेट में फसलों के साथ मकान, सड़क तक आई। जिसका असर यह हुआ कि मंगलवार-बुधवार की रात से ही रायसेन का सांची और विदिशा से सड़क संपर्क टूट गया। जो बुधवार शाम पांच बजे सड़क से पानी उतरने के बाद शुरू हुआ। बेतवा के इस स्वरूप को देख लोग परेशान हो उठे। हर आपात स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी सतर्क हो गए। होमगार्ड, एसडीआरएफ की टीम लेकर मौके पर पहुंचे, खुद कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और अधिकारियों सहित पुलिस और बचाव दलों को स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
मंगलवार देर रात से बेतवा का पानी पग्रेश्वर के आस-पास फैलना शुरू हुआ। सुबह होते तक हजारों हैक्टेयर खेत पानी में डूब चुके थे। पग्रेश्वर से आगे पुलिया पर तीन से चार फीट पानी आ गया था। जिससे वाहनो का आवागमन बंद हो गया था। स्कूल भवन, अस्पताल भवन सहित कई मकानों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया था। दोपहर बाद पानी कम होना शुरू हुआ और पांच बजे से हाइवे पर आवागमन शुरू हो गया। दरअसल यह हालात कलियासोत बांध से पानी छोड़े जाने से बने, जो मंडीदीप के पास बेतवा में मिलता है। इसी वजह से बेतवा का जल स्तर बढ़ा।
दूसरा मार्ग भी रहा बंद
रायसेन से विदिशा जाने के लिए मेहगांव होकर एक और रास्ता है, लेकिन इस मार्ग पर भी नाला उफान पर होने से वाहनो का आवागमन नहीं हो सका। दोपहर बाद यह मार्ग खुल गया था, लेकिन सड़क की बाहल बेहद खराब होने के कारण बड़े वाहन यहां सेनहीं निकल सके।
फसलों को नुकसान का खतरा
बेतवा के पानी में डूबी हजारों हैक्टेयर की फसलों को नुकसान का खतरा है। हालांकि अभी खेतों में पानी भरा हुआ है, पानी निकलने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा। किसान बताते हैं कि बहाव में धान की फसल बहने का खतरा है। अधिक पानी के भराव से गलाव भी लग सकता है।