इससे पहले करीब 20 दिन पहले भी दशहरा मैदान खरीदी केन्द्र पर आग लग चुकी है। तब भी जिम्मेदारों ने आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया। उस दौरान भी गेहूं की बोरियों के बीच से बिजली के तार निकले थे। मगर जिम्मेदारों ने व्यवस्था सुधारना जरूरी नहीं समझा और बिजली लाइन के नजदीक की गेहूं का स्टॉक किया गया।
शहर सहित जिले भर के खरीदी केन्द्रों में तुलाई और खरीदी के बीच निरंतर अंतर बढ़ रहा है। प्रतिदिन तुलाई अपनी गति से की जा रही है, लेकिन परिवहन की रफ्तार धीमी चल रही, जिससे हजारों क्विंटल गेहूं परिवहन के इंतजार में खुले मैदान में खरीदी केन्द्रों पर रखा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दशहरा मैदान खरीदी केन्द्र पर ही करीब 18 हजार क्विंटल गेहूं परिहवन के लिए रखा है।