विद्यार्थियों की मुसीबत
इसी मार्ग पर शासकीय कन्या स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय और कॉलेज हैं, साथ ही यहां से केंद्रीय विद्यालय के बच्चों का आनाजाना होता है। ऐसे में स्कूली बच्चों को साइकिल से या पैदल चलना मुश्किल होता है। कई बच्चे दुपहिया वाहन से जाते हैं, जिन पर हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
सड़क के एक ओर अनेक बढ़े निजी वाहनों की कतारें लगी रहती हैं। इसी के चलते यह क्षेत्र ट्रक, जीप, कार पार्किंग के लिए यह अवैध अड्डा बना हुआ है। जबकि दूसरी ओर विभिन्न बैंक, व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। दो कॉलोनियों के लिंक रोड हैं, जिनके वाहन भी सड़क किनारे खड़े होते हैं। कुल मिलाकर यह लगभग 80 फीट का मार्ग २५ से ३० फीट ही बचता है। जबकि यह मार्ग से बुंदेलखंड को जोड़ता है। इस क्षेत्र के नेता, मंत्री इसी मार्ग से आवागमन करते हैं।
बीते कुछ सालों में शहर का विकास तेजी से हुआ है। मगर इस विकास में जरूरी सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया। सागर रोड पर यशवंत नगर, अर्जुन नगर मुखर्जी नगर जैसी कॉलोनियां विकसित हुई। जिनके बाहरी हिस्से में कॉमर्शियल भवन बनाए गए, जिनमें आज बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान, कई बैंक खुले हैं, लेकिन इन सबके लिए पार्किंग पर विचार नहीं किया गया। यही कारण है आज विकसित होने के बाद भी शहर पिछड़ों की कतार में खड़ा है।
सागर रोड पर स्टेट बैंक के सामने बैंक समय में सैकड़ों वाहन खड़े रहते हैं, जिनकी वजह से हाइवे पर दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां सुबह 10बजे से शाम छह बजे तक दुपहिया वाहन का निकलना भी मुश्किल होता है। बैंक के सामने और सड़क के दूसरी ओर खड़े होने वाले वाहन सड़क तक आते हैं। लोग अपने वाहन खड़े कर बैंक में घंटों के लिए चले जाते हैं, जिससे आमजन को खासी परेशानी होती है।
– कमलेश कुमार, यशवंत नगर
& जिले के हर नगर में विकास एक योजना के तहत किया जा रहा है, लेकिन यहां विकास की कोई योजना नहीं है।
– राकेश गौर, निवासी मुखर्जी नगर
& जिला मुख्यालय के दोनों प्रमुख मार्ग अव्यवस्था का शिकार हैं। यहां पार्किंग की सुविधा नहीं है। मगर जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रमोद विश्वकर्मा, युवा मुखर्जी नगर
– राकेश श्रीवास्तव, अर्जुन नगर