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रायसेन

अतिक्रमण और जाम ने बिगाड़े हालात

जिला मुख्यालय के दो प्रमुख मार्ग शहर की लाइफ लाइन कहे जाते हैं। मगर अव्यवस्थाओं के चलते इन दोनों मार्गों की स्थिति बदहाल है।

रायसेनJan 16, 2019 / 08:04 pm

chandan singh rajput

patrika news

Raisen Two main roads of the district headquarters are called the life line of the city. But due to clutter, the situation of these two roads is bad. Sanchi road has been transformed into pits with encroachment, so the disturbances on Sagar road are disturbed by the disruptions.

रायसेन. जिला मुख्यालय के दो प्रमुख मार्ग शहर की लाइफ लाइन कहे जाते हैं। मगर अव्यवस्थाओं के चलते इन दोनों मार्गों की स्थिति बदहाल है। सांची रोड अतिक्रमण के साथ गड्ढों के तब्दील हो गई है, तो सागर रोड पर अव्यवस्थाओं से आमजन परेशान हैं।
आलम ये है कि जिले के लगभग सभी प्रमुख नगरों में हाइवे किनारे से अतिक्रमण हटाकर सड़कों का चौड़ीकरण और डिवाइडर का निर्माण हो रहा है, लेकिन मुख्यालय पर हालात सुधारने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।
यहां सारे अधिकारी निवास करते हैं और दिनरात इन हालातों को देखते हैं। जनप्रतिनिधियों का भी आवागमन बना रहता है। बावजूद इसके जिला मुख्यालय की इस पुरानी और नासूर बन चुकी बीमारी को अनदेखा किया जा रहा है।
विद्यार्थियों की मुसीबत
इसी मार्ग पर शासकीय कन्या स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय और कॉलेज हैं, साथ ही यहां से केंद्रीय विद्यालय के बच्चों का आनाजाना होता है। ऐसे में स्कूली बच्चों को साइकिल से या पैदल चलना मुश्किल होता है। कई बच्चे दुपहिया वाहन से जाते हैं, जिन पर हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
निजी वाहन पार्किंग
सड़क के एक ओर अनेक बढ़े निजी वाहनों की कतारें लगी रहती हैं। इसी के चलते यह क्षेत्र ट्रक, जीप, कार पार्किंग के लिए यह अवैध अड्डा बना हुआ है। जबकि दूसरी ओर विभिन्न बैंक, व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। दो कॉलोनियों के लिंक रोड हैं, जिनके वाहन भी सड़क किनारे खड़े होते हैं। कुल मिलाकर यह लगभग 80 फीट का मार्ग २५ से ३० फीट ही बचता है। जबकि यह मार्ग से बुंदेलखंड को जोड़ता है। इस क्षेत्र के नेता, मंत्री इसी मार्ग से आवागमन करते हैं।
पार्किंग दरकिनार
बीते कुछ सालों में शहर का विकास तेजी से हुआ है। मगर इस विकास में जरूरी सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया। सागर रोड पर यशवंत नगर, अर्जुन नगर मुखर्जी नगर जैसी कॉलोनियां विकसित हुई। जिनके बाहरी हिस्से में कॉमर्शियल भवन बनाए गए, जिनमें आज बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान, कई बैंक खुले हैं, लेकिन इन सबके लिए पार्किंग पर विचार नहीं किया गया। यही कारण है आज विकसित होने के बाद भी शहर पिछड़ों की कतार में खड़ा है।
दिनभर लगता है जाम
सागर रोड पर स्टेट बैंक के सामने बैंक समय में सैकड़ों वाहन खड़े रहते हैं, जिनकी वजह से हाइवे पर दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां सुबह 10बजे से शाम छह बजे तक दुपहिया वाहन का निकलना भी मुश्किल होता है। बैंक के सामने और सड़क के दूसरी ओर खड़े होने वाले वाहन सड़क तक आते हैं। लोग अपने वाहन खड़े कर बैंक में घंटों के लिए चले जाते हैं, जिससे आमजन को खासी परेशानी होती है।
सुविधाएं देना स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, लेकिन इस दिशा में किसी ने प्रयास नहीं किए।
– कमलेश कुमार, यशवंत नगर
& जिले के हर नगर में विकास एक योजना के तहत किया जा रहा है, लेकिन यहां विकास की कोई योजना नहीं है।
– राकेश गौर, निवासी मुखर्जी नगर
& जिला मुख्यालय के दोनों प्रमुख मार्ग अव्यवस्था का शिकार हैं। यहां पार्किंग की सुविधा नहीं है। मगर जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रमोद विश्वकर्मा, युवा मुखर्जी नगर
सागर रोड के किनारे बड़े वाहनों की अघोषित पार्किंग बनी हुई है, इसे खत्म करना चाहिए। साथ ही बैंकों को पार्किंग स्थल बनाने के निर्देश देना चाहिए।
– राकेश श्रीवास्तव, अर्जुन नगर

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