थाने में दर्ज करवाई एफआईआर (fir) में डॉ. गुप्ता ने बताया कि शेयर मार्केट में राशि लगाने और रकम दो गुना करने, रिटर्न (returtn) बढऩे का प्रलोभन उन्होंने दिया। आईपीओ (Initial Public Offer) में ऑफर देकर ही बातें गकी। पूरे घटनाक्रम में जिन लोगों के मोबाइल नंबर हैं उनके नाम और बैंक खातों का का प्रमाण ही फिलहाल जांच का आधार है। हालाकि जिन नंबरों से उन्हें कॉल आया था वे मोबाइल नंबर बंद कर लिए गए। उक्त ठगी में आरटीजीएस (rtgs) के माध्यम से पूरा पैमेंट किया गया। थाना प्रभारी राजपालसिंह राठौर ने बताया कि हमने टीमें रवाना कर दी हैं, पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
धोखाधड़ी के मामले चरम पर, सावधानी की जरूरत
आम दिनों में झारखंड के जमतारा से आने वाले फर्जी फोन कॉल्स के साथ ही कोरोना काल में यह और बढ़ गया है। फोन-पे, गूगल-पे सहित अन्य के नाम पर धोखाधड़ी, ठकी के मामले आम हो गए हैं। कॉलर्स बातों में उलझाकर निजी जानकारी, गोपनीय पिन, ओटीपी इत्यादि मांग लेते हैं और लोग इतना जागरूक होने के बावजूद शेयर कर देते हैं। पुलिस की साइबर टीम और अन्य जानकार सहित खासकर बैंकर्स यही अपील करते हैं कि ऐसी किसी बातों में न आएं। कोई भी बैंक या अधिकृत संस्था आपसे राशि नहीं डलवा सकती और न ही कभी कोई गोपनीय जानकारी मांगती है। ऐसे में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है।