वर्ष-2012 में सुमित एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे, उनकी बाइक को एक ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी, जिससे उन्हें मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए थे, लेकिन उनके जज्बे ने हार नहीं मानी और महज 5 सालों में जबरदस्त कमबैक करते हुए वर्ष 2017 से वे बॉडी बिल्डिंग में नाम कमा रहे हैं। तब से अब तक वे दर्जनभर से अधिक मैडल जीत चुके हैं। गौरतलब है कि इस बीच वे मप्र पैरा बॉडी बिल्डिंग में 2 बार मिस्टर एमपी भी रह चुके हैं।वे हैदराबाद में 6 से 8 जनवरी 2023 तक हुई बॉडी बिल्डिंग और वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग में स्वर्ण एवं रजत पदक जीतकर लौटे हैं।
2017 से शुरुआत
एक्सीडेंट में सुमित के दोनों हाथ, पांव और अंदरुनी अंगों में मल्टीपल फ्रैक्चर हुए थे। दोनों घुटनें बुरी तरह से बिखर गए थे। सुमित बताते हैं कि मैं एक जगह पड़ा-पड़ा काफी नेगेटिव हो गया था। दवाइयों की आदत लग गई थी। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे थे। इसके बाद अच्छे पॉजिटिव वीडियो देखकर आगे बढ़ा। उन्हें देखकर धीरे-धीरे फिटनेस को पैशन बनाया। साथ ही ठान लिया कि अब फिटनेस के लिए कुछ करना है। वर्ष-2017 से बॉडी बिल्डिंग शुरू की। शेड्यूल से जिम जाना शुरू किया। साथ ही हर दिन एक्सरसाइज की और बात बन गई। इससे बॉडी शेप सुधरा और बॉडी बिल्डिंग में काफी कुछ किया। नियमित रूप से विभिन्न प्रतियोगिता में गया, जहां गोल्ड, सिल्वर, कांस्य पदक जीते।
पेनकिलर लेने से हो गए थे ड्रग एडिक्ट
सुमित बताते हैं कि जगह-जगह और कई सर्जरी होने के कारण मेरा पूरा शरीर दर्द करता था। इसके लिए मैं हेवी पेनकिलर्स टैबलेट लिया करता था। इससे कुछ साल मैं ड्रग एडिक्ट हो गया था, जो इंजेक्शन मुझे दर्द मिटाने के लिए डॉक्टर्स लगाया करते थे उन्हें मैं खुद लगाने लग गया। डॉक्टर्स ने कह दिया था कि अब इसे नहीं बचाया जा सकता। परिजनों के सामने उन्होंने हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन फिर से चीजें बदली। धीरे-धीरे ड्रग बंद की। एक्सरसाइज और जिम के माध्यम से बॉडी बिल्डिंग ने मेरी दशा बदल दी।
दो बार मिस्टर एमपी का खिताब
सुमित बताते हैं कि 2022 में दो प्रतियोगिता में मप्र पैरा बॉडी बिल्डिंग में दो बार मुझे मिस्टर एमपी का खिताब मिला। पहली प्रतियोगिता सितंबर-2022 में इंदौर में हुई। दूसरी नवंबर-2022 में अलीराजपुर में हुई, जहां मिस्टर एमपी के खिताब से नवाजे गए।
एक नजर
नाम- सुमित दुबे, ब्यावरा
आयु- 30 वर्ष
खेल बॉडी बिल्डिंग
खिताब – 12 से अधिक मेडल
विशेष खिताब- 02 बार मप्र पैरा बॉडी बिल्डिंग में मिस्टरएमपी
‘एक ताले की 100 चाबियां होती हैं’
सवाल – इतनी तकलीफों के बाद आखिरकार बॉडी बिल्डिंग ही क्यों चुना?
जवाब-एक्सीडेंट से मैं पूरा टूट चुका था, लेकिन जब पॉजिटिव वीडियो देखे और सेहत को लेकर गंभीर रहने वालों को देखा तो मन में ख्याल आया कि कुछ करना है। इन्हीं सब को देखते हुए आगे बढ़ा और प्रयास शुरू किए।
सवाल- कितनी तकलीफें रही, इसका श्रेय किसे देंगे आप?
जवाब – मुझे लोग कहने लगे थे कि यह नशेड़ी हो चुका है, एडिक्ट है। परिवार में रहने लायक नहीं है। इसे नशा मुक्ति केंद्र भेज दो। मुझे पेन होता था, इसलिए मैं दवाई लेता था, लेकिन मैं इन सब से निकला, अपने गुरुजनों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।
सवाल- आज की जनरेशन को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब-उनके लिए यही मैसेज है कि कोई भी परेशानी हावी नहीं हो सकती। कहते हैं न कि एक ताले की 100 चाबियां होती है, ठीक उसी तरह एक परेशानी के कई हल है। बस निर्भर करता है कि कोई गलत निर्णय न लें। सही दिशा में काम करते रहें, समाधान जरूर होगा। नियमित एक्सरसाइज से खुद को फिट रखा जा सकता है। कड़ी मेहनत का फल जरूर मिलता है।
कई पुरस्कार जीते, स्पांसरशिप भी मिली
सुमित ने इन सालों में काफी कुछ अर्जित किया। दर्जनभर से अधिक पदक जीते। साथ ही कैश प्राइजेस भी काफी अपने नाम किए। वहीं स्पांसरशिप भी उन्हें मिलने लगी। हाल ही में दिल्ली की एक कंपनी ने भी उन्हें कॉन्टेक्ट किया है।