चार दिन पहले हुआ था विवाद
जिस आरोपी की गिरफ्तारी पर ये सारा हंगामा हुआ उसका नाम बाला प्रसाद चंद्रवंशी है। चार दिन पहले एक ढाबे पर विजय शर्मा और भाजपा नेता बाला प्रसाद चंद्रवंशी के बीच विवाद हो गया था और मारपीट हो गई थी। इसी के बाद पुलिस ने बाला प्रसाद चंद्रवंशी पर मारपीट और लूट का मामला दर्ज किया था और उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। जैसे ही बाला प्रसाद की गिरफ्तारी की खबर उसके समाज के लोगों को लगी तो वो एकत्रित होकर पूर्व विधायक मोहन शर्मा के घर पहुंचे और बताया कि कहीं न कहीं मामला राजनीतिक पक्षों से जुड़ा हुआ है और इसलिए बाला प्रसाद पर झूठा मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद पूर्व विधायक मोहन शर्मा समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और टीआई से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए बाला प्रसाद को रिहा करने की मांग की। जब टीआई दिनेश चौहान ने आरोपी को छोड़ने से इंकार किया तो पूर्व विधायक मोहन शर्मा समर्थकों के साथ थाने के सामने ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पूर्व विधायक मोहन शर्मा ने कहा कि अगर इसी तरह से गलत मामले दर्ज किए जाते रहे तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बाद में मामले में पूछताछ की बात कहते हुए पुलिस ने बालाप्रसाद को फिलहाल छोड़ दिया है जिसके बाद पूर्व विधायक ने धरना खत्म किया। खबरें ये भी है कि मामला भाजपा के ही दो पक्षों से जुड़ा हुआ है। वहीं पत्रिका से बात करते हुए पूर्व विधायक मोहन शर्मा ने पुलिस पर सीधा आरोप लगाया है कि ये मामला सीधे सीधे दबाव में दर्ज किया गया है जो कि सरासर गलत है।