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राजगढ़

ओलावृष्टि से फसलें हुर्इं आड़ी, अभी तक खेतों तक नहीं पहुंचे अधिकारी

जिले भर में हुई चार दिन पहले ओले और बारिश से फसलों को हुआ नुकसान, प्रशासन ने नहीं ली सुध

राजगढ़Feb 15, 2018 / 08:51 am

brajesh tiwari

damage to crops

फसलों को नुकसान

राजगढ़। चार दिन पहले हुई बूंदाबांदी के साथ ओलावृष्टि को लेकर सीहोर से लगे कुछ गांवों में नुकसान हुआ है, लेकिन इस नुकसान को मापने के लिए अभी तक प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा। ऐसे में किसानों ने कटी और बिखरी फसलों को खेतों में ही डाल रखा है। दूसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि वहां ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और ग्रामीण कहते है कि खेत में यदि आएंगे तब पता लगेगा कि नुकसान हुआ है या नहीं।

अभी भी मौसम विभाग की चेतावनी
ओलावृष्टि से जहां कुछ गांव में लगी फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं बुधवार को करीब पांच घंटे तक रहे कोहरे के बाद धनिया की फसलों पर इसके विपरीत असर पड़ेंगे। यही नहीं मौसम विभाग ने अभी तीन दिन तक बदलाव की चेतावनी दी है। ऐसे में कृषि अधिकारी हो या कृषि वैज्ञानिक उन्होंने सलाह दी है कि जो फसलें गिर चुकी है उन्हें उठाने का प्रयास करें या फिर खेतों में गीली फसलों की अल्टा-पल्टी करे। कुछ समय तक ध्यान रखे कि फसलों को ढकने के प्रबंध सुचारू हो।

किसानों का आरोप, सही नहीं हो रहा फसलों का सर्वे
तलेन. नहाली और इसके आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई थी। जिसके बाद गेहूं आड़े हो गए। जबकि मसूर के दाने खेतों में ही बिखर गए। वहीं धनिया के भी हाल ठीक नहीं है। लगभग पांच मिनट हुई ओलावृष्टि के बाद से ही किसान खेतों में है। किसान बीरम सिंह मकवाना, राकेश पटेल, कमलेश पटेल, विजयसिंह राजपूत, शिव सिंह, सरदार सिंह, नारायणसिंह, एलमसिंह राजपूत, धर्मेन्द्र सिंह, प्रवीण सिंह आदि ने बताया कि नायब तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव व हल्का पटवारी हमारी नष्ट हुई फसलों को देखने पहुंचे थे, लेकिन वे नुकसान होने से मना कर रहे है। ऐसे में किसान इस बात के इंतजार में है कि बर्बाद फसलों का सर्वे सही से हो।
अधिकारियों को नहीं दिखी गिरी फसलें
मोयलीकलां. तरेनी गांव के आसपास हुई ओलावृष्टि से कई गांव की फसले प्रभावित हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कोई भी अधिकारी देखने तक नहीं पहुंचा। वहीं कुछ खेतों में फसलें गिरी पड़ी है।

तीन लाख 33 हजार हेक्टेयर में बोई गईं फसलें
कृषि विभाग के आंकड़ों को माने तो जिले में लगभग तीन लाख ३३ हजार हेक्टेयर में बोवनी की गई है। जिसमें गेहूं, चना, धना, मसूर मुख्य है। इसमें अभी पड़ रहे कोहरे का असर ज्यादा धनिया पर होगा। जबकि बारिश से सारी ही फसलों पर प्रभाव पड़ेगा। जिले में गेहूं, जौ, चना, मसूर, मटर, सरसों, अलसी एवं उद्यानिकी में धनिया व प्याज की बोवनी हुई है।

इस समय मौसम ठंडा है। ऐसे में फसलों को धूप लगना जरूरी है। ओला के आंकड़े अभी तक स्पष्ट नहीं हुए, लेकिन जहां भी ओला या पानी गिरा है। उन फसलों को धूप लगाना जरूरी है।
– अखिलेश श्रीवास्तव, समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र राजगढ़

ओलावृष्टि के साथ ही हमने राजस्व अमले को गांव में भेजा, लेकिन उस समय ज्यादा कुछ सामने नहीं आया। कुछ गांव से शिकायत आई है। वहां हम कल से वापस टीम भेजेंगे।
– तन्वी हुड्डा, एसडीएम नरसिंहगढ़

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