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भोपाल के आस-पास जिले राजगढ़, सिहोर, रायसेन, अशोकनगर, विदिश में तेज बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और उत्तर प्रदेश में बने 3 चक्रवातों की नमी भरी हवाओं से प्रदेश सहित शहर में बारिश हो रही है। यह दौर 24 से 48 घंटों तक जारी रहेगा। वहीं मौसम विभाग ने आगामी 5 दिनों तक स्थित ऐसे ही बनी रहने की के आसार बताये हैं।
भारी बारिश होने का मुख्य कारण
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मध्यप्रदेश को प्रभावित करने वाला पहला कारक सौराष्ट्र और उससे लगे उत्तर-पूर्व अरब सागर में बना चक्रवात है, जो हवा के ऊपरी भाग में 7.6 किमी तक है। इसके 24 घंटों में कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की आशंका है। दूसरा कारक दक्षिणी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बना चक्रवात है, जो 1.5 से 3.6 किमी तक है। तीसरा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में है, जो 2.1 किमी की ऊंचाई तक है।
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1750 मिमी होते ही ऑल टाइम रेकॉर्ड
मध्यप्रदेश में तेज बारिश के चलते इस बार मानसून ने वर्ष 2006 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2006 में 1684 मिमी के सभी रेकॉर्ड तोडऩे के बाद 1750 के आंकड़े के करीब है। शुक्रवार सुबह तक ये 1732.2 मिमी था। शाम तक हुई 15 मिमी बारिश के बाद आंकड़ा 1747.4 मिमी हो गया। 24 घंटों के अंदर 1750 मिमी का ऑल टाइम रेकॉर्ड भी इस साल दर्ज हो जाएगा।
वर्ष 2006 के बाद 13 वर्षों में भदभदा डेम खोलने का भी रिकॉर्ड बना है। इस बार भारी बारिश के चलते 2 माह में जल स्तर बढ़ने से करीब 20 बाद भदभदा डेम के गेट खोले गये। बारिश के चलते यह भी पहली बार हुआ कि भोपाल के प्रमुख जलस्त्रोत के आस-पास इलाकों में शाम 7 बजे के बाद धारा 144 लागू किया गया।
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पिछले वर्षों में 22 सितंबर तक हुई बारिश-
वर्ष ————बारिश
2010 ———— 820.0
2011 ———— 1368.8
2012 ———— 844.5
2013 ————1263.7
2014 ———— 691.5
2015 ———— 751.5
2016 ———— 977.5
2017 ————792.5
2018 ————1022.5
2019 ———— 1278.5
( अशोकनगर में बारिश मिमी में, आंकड़े भू-अभिलेख अनुसार।)