READ MORE: मौसम@ उदयपुर: तेज हवाओं ने उड़न छू किया ठण्ड को, होने लगा गर्मी का एहसास, जानें क्या है आने वाले मौसम के आसार गौरतलब है कि यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराए गए करोड़ों के ई-जर्नल्स, पेपर का उपयोग नहीं हो पा रहा था। पर्याप्त ई- रिसोर्स होने के बावजूद शोध का तरीका परम्परगत है। इस बारे में पत्रिका ने 11 फरवरी के अंक में समाचार ‘करोड़ों के ई-जर्नल्स का नहीं हो रहा उपयोग’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। मामला प्रकाश में आने के बाद अब विश्वविद्यालय ने ई-संसाधनों की सुध ली है।
READ MORE: आरसीए का जमीन आवंटन निरस्त, अब उदयपुर में बनेगा 300 करोड़ की अनुमानित लागत का क्रिकेट स्टेडियम छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदन सिंह राठौड़ एवं कुलसचिव हिम्मत सिंह भाटी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला निदेशक प्रो. हनुमान प्रसाद ने कहा कि ई-संसाधनों के उपयोग से एक क्लिक से शोधार्थी सैकड़ों शोध पत्र देख सकेंगे। प्रो. राठौड़ ने बताया कि अधिकांश शोधार्थी ई-संसाधन तकनीक से अनभिज्ञ हैं। कार्यशाला के माध्यम से ही ई-संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर के शोध कार्य विश्वविद्याालय मेें हो सकेंगे। कुलसचिव भाटी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व शोध प्रक्रिया में परिवर्तन की जरुरत है।