अब तक डेढ़ हजार हो चुके है नए पंजीयन
खैरागढ़ जिला सहकारी बैंक के तहत आने वाले अमलीपारा, आमदनी, बढ़ईटोला, सलोनी, जालबांधा, डोंकराभाठा और मडौदा समिति में अब तक 1564 नए किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। समितियों के साथ तहसील कार्यालय में सभी समितियों में आए आवेदनों पर कार्यवाही जारी है। इसमें लगभग हर समिति में 7 सौ से ज्यादा आवेदन पंजीयन के लिए पहुँचे है। पिछले साल सात समितियों में पंजीकृत किसानों की कुल संख्या 11809 थी अब तक हुए पंजीयन के बाद पंजीकृत किसानों की संख्या 13373 पहुंच गई है। पंजीयन की कार्यवाही 31 अक्टूबर तक चलती है। पिछले साल हुए पंजीयन के दौरान समितियों में कुल 1747 नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया था।
खैरागढ़ जिला सहकारी बैंक के तहत आने वाले अमलीपारा, आमदनी, बढ़ईटोला, सलोनी, जालबांधा, डोंकराभाठा और मडौदा समिति में अब तक 1564 नए किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। समितियों के साथ तहसील कार्यालय में सभी समितियों में आए आवेदनों पर कार्यवाही जारी है। इसमें लगभग हर समिति में 7 सौ से ज्यादा आवेदन पंजीयन के लिए पहुँचे है। पिछले साल सात समितियों में पंजीकृत किसानों की कुल संख्या 11809 थी अब तक हुए पंजीयन के बाद पंजीकृत किसानों की संख्या 13373 पहुंच गई है। पंजीयन की कार्यवाही 31 अक्टूबर तक चलती है। पिछले साल हुए पंजीयन के दौरान समितियों में कुल 1747 नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया था।
कर्ज माफी से राहत, बन गए नियमित किसान
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कर्ज माफी की घोषणा किसानों की पंजीयन संख्या बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। हर समितियों में कर्ज के चलते सैकड़ों किसानों को समितियों द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया गया था। इसमें छोटे-बड़े सभी वर्ग के किसान शामिल थे। कर्ज नही पटाने के कारण समितियों में ढाई हजार से ज्यादा किसान न किसी प्रकार का लेनदेन समितियों से कर पा रहे थे, न ही धान खरीदी प्रक्रिया में भाग ले पा रहे थे। सरकार द्वारा पिछले साल कर्ज माफी की घोषणा के चलते ऐसे कर्जदार किसानों को बड़ी राहत मिली। कर्ज माफी होने के चलते कई किसानों के छोटे बड़े कर्ज समितियों में माफ हो गए अब सभी किसान नियमित किसान हो गए। ऐसे में समितियों के माध्यम से धान बेचने किसानों का समितियों में पंजीयन अनिवार्य है जिसके कारण लगभग सभी किसान समितियों में अपने पंजीयन के लिए आवेदन दे रहे हैं।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कर्ज माफी की घोषणा किसानों की पंजीयन संख्या बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। हर समितियों में कर्ज के चलते सैकड़ों किसानों को समितियों द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया गया था। इसमें छोटे-बड़े सभी वर्ग के किसान शामिल थे। कर्ज नही पटाने के कारण समितियों में ढाई हजार से ज्यादा किसान न किसी प्रकार का लेनदेन समितियों से कर पा रहे थे, न ही धान खरीदी प्रक्रिया में भाग ले पा रहे थे। सरकार द्वारा पिछले साल कर्ज माफी की घोषणा के चलते ऐसे कर्जदार किसानों को बड़ी राहत मिली। कर्ज माफी होने के चलते कई किसानों के छोटे बड़े कर्ज समितियों में माफ हो गए अब सभी किसान नियमित किसान हो गए। ऐसे में समितियों के माध्यम से धान बेचने किसानों का समितियों में पंजीयन अनिवार्य है जिसके कारण लगभग सभी किसान समितियों में अपने पंजीयन के लिए आवेदन दे रहे हैं।
ज्यादा कीमत ने भी दिखाया समिति का रास्ता
प्रदेश में धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रू प्रति क्विंटल करने के कारण भी किसानों ने समितियों की ओर रूख किया है। धान की सबसे ज्यादा कीमत फिलहाल सरकार ही समितियों के माध्यम से दे रही है। ऐसे में अपने जमीन की उपज का सही दाम पाने हर छोटे बड़े किसान इस साल धान को समिति में बेचने की तैयारी कर रहा है जिसके कारण भी समितियों में किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। बताया गया कि आवेदनों के लिहाज से इस साल समितियों में किसानों की संख्या 15 हजार के पार होने की उम्मीद है।
प्रदेश में धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रू प्रति क्विंटल करने के कारण भी किसानों ने समितियों की ओर रूख किया है। धान की सबसे ज्यादा कीमत फिलहाल सरकार ही समितियों के माध्यम से दे रही है। ऐसे में अपने जमीन की उपज का सही दाम पाने हर छोटे बड़े किसान इस साल धान को समिति में बेचने की तैयारी कर रहा है जिसके कारण भी समितियों में किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। बताया गया कि आवेदनों के लिहाज से इस साल समितियों में किसानों की संख्या 15 हजार के पार होने की उम्मीद है।
नियमित किसानों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
पर्यवेक्षक जिला सहकारी बैंक खैरागढ़, प्रकाश महोबिया ने कहा कि कर्ज माफी के चलते समितियों के किसानों के पुराने ऋण माफ होने के कारण किसान नियमित हो गए, समर्थन मूल्य भी सबसे ज्यादा है। ऐसे में किसानों को समितियों में ही धान बेचने में सीधा फायदा है। समितियों में पंजीयन की कार्यवाही जारी है। इस बार पांच हजार से अधिक नए किसानों का पंजीयन संभव है।
पर्यवेक्षक जिला सहकारी बैंक खैरागढ़, प्रकाश महोबिया ने कहा कि कर्ज माफी के चलते समितियों के किसानों के पुराने ऋण माफ होने के कारण किसान नियमित हो गए, समर्थन मूल्य भी सबसे ज्यादा है। ऐसे में किसानों को समितियों में ही धान बेचने में सीधा फायदा है। समितियों में पंजीयन की कार्यवाही जारी है। इस बार पांच हजार से अधिक नए किसानों का पंजीयन संभव है।