प्रबंधक द्वारा खरीदी केंद्र में धान को लापरवाही पूर्वक रखवाया गया है। बीते सप्ताहभर मौसम में बदलाव था चारों ओर कोहरा छाया हुआ था और वहीं रूक-रूक कर बारिश भी हो रही थी। इसके बावजूद भी प्रबंधक ने खरीदे हुए धान को लापरवाहीपूर्वक रखवाया और न ही धान रखने के लिए कोई भी व्यवस्था की। इस वजह से धान के कट्टों में पानी आने से खराब होने के कगार पर है।
राशि मिलने के बाद भी प्रबंधक का अडिय़ल रवैया शासन द्वारा धान की व्यवस्था करने के लिए राशि प्रबंधक को दी जाती है। इसके बावजूद भी धान कट्टे के रखरखाव में प्रबंधक द्वारा लापरवाही बरती गई हैं। इसलिए हजारों कट्टे धान तो जमीन पर ही धस गए हैं। शासन द्वारा धान रखने से पूर्व जमीन पर दो से ढाई फीट की लेयर बनाने की राशि एवं निर्देश दिए जाते हैं, उसके बाद भी इस प्रकार की मनमानी और गड़बड़ी सामने आ रही है।
धान के खराब होने की आशंका बीते सप्ताह लगातार बारिश होने से धान को जमीन पर ही रखा गया इस वजह से हजारों बोरे धान के कट्टे बर्बाद हो सकते हैं। इस प्रकार शासन को लाखो रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। प्रबंधक से पूछने पर बताया कि वह अपनी मर्जी से इतनी ऊंचाई पर धान को रखा है। वहां पड़ताल करने पर पाया गया कि धान के कट्टों को जमीन पर रखा है। यदि अब फिर से मौसम खराब होता है तो जमीन पर रखा धान पूर्णता खराब हो जाएगा। फिर इसका जवाबदार कौन होगा शासन के कड़े इंतजाम के बाद भी उदयपुर धान खरीदी केंद्र में ये बड़ी लापरवाही है।
किसानों से अनुचित और दुव्र्यवहार भी किसानों से बात करने पर पता चला है कि उदयपुर धान उपार्जन केंद्र के प्रबंधक का व्यवहार बहुत ही खराब है। वह बड़े किसानो और राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्तियों से ही अच्छे व्यवहार करता है जबकि बाकी किसानों के साथ बात करने का तरीका अनुचित है और तो और दुव्र्यवहार करने की बातें सामने आ रही है। यहां तक कि यह भी देखा गया है कि बड़े किसानो एवं राजनीतिक सांठगांठ रखने वाले लोगों के धान मशीन से बिना जांच-पड़ताल किए ही उठा लिया जाता है।
किसान प्रबंधक की मानमानी से है नाराज क्षेत्र के सीधे एवं छोटे किसानों का धान पूर्ण रूप से जांच पड़ताल कर लिया जाता है। किसानों ने बताया कि शासन के धान खरीदी योजना के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों को असंतुष्ट भी किया जा रहा है। इस प्रकार किसान प्रबंधक की मनमानी से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। अभी तक उदयपुर क्षेत्र में 90त्न से ज्यादा किसान अपना धान बेच चुके हैं लेकिन खरीदी केंद्र में अभी तक 75त्न से भी ज्यादा धान पड़ा हुआ है। धान कट्टे उठाने में भी व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है। उठाव में तेजी नहीं हुई तो आए दिन बेमौसम बारिश होने के कारण शासन को लाखों की हानि होने की भी संभावना है।
अव्यवस्था जैसी स्थिति नहीं है उदयपुर सोसायटी समिति प्रबंधक यादव राम जंघेल ने कहा कि मैंने अपने हिसाब से जमीन पर आधा फिट का लेयर बनवाकर धान के कट्टे को रखवाने का काम किया है। अव्यवस्था जैसी स्थिति नहीं है।