जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव द्वारा प्रशासन द्वारा किए गए आग्रह के अनुसार शहर में पके हुए भोजन के माध्यम से फेंके जाने वाले डिस्पोजल से उत्पन्न होने वाले कचरे तथा संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रवासी श्रमिकों को चना, मुर्रा, बिस्किट, फल, बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उनकी इम्यूनिटी इस संक्रमण काल में विकसित हो सके इसलिए पानी में भीगाकर फुले हुए अनाजों को हरी सब्जियों से तैयार कर जिनमें प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा रहे, ऐसी सामग्री ही उपलब्ध करायी जा रही है।
निर्देशों का किया जा रहा है पालन प्रवासी श्रमिकों को गर्मी की अधिकता को देखते हुए प्राधिकरण द्वारा ठंडा पेय पदार्थ तथा पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने बताया कि उक्त कार्य में शासन तथा प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के संबंध में दिए गए निर्देशों का कठोरता से पालन किया जाता है। भोजन सामग्री प्रदान करने से पहले प्रवासी श्रमिकों के हाथों को अच्छे तरीके से सेनिटाइज कराया जाता है।
अपशिष्ट सामग्रियों को भी कर रहे नष्ट सामाजिक दूरी का कठोरता से पालन किया जाता है और पैरालीगल वालिंटियर्स बिना मास्क के उक्त कार्य को संपादित नहीं करते है। जिस वस्तु में श्रमिकों को खाद्य पदार्थ सामग्री दी जाती है। उसे उनके द्वारा उपयोग करने के बाद पैरालीगल वालिंटियर्स के माध्यम से एक जगह एकत्र किया जाता है फिर उसे हाइड्रोक्लोरिक एसिड के लिक्विड से डिसइंस्फेक्ट करके नष्ट कर दिया जाता है। इससे शहर में कचरा न फैले और संक्रमण की संभावना पूर्णत: शून्य हो जाए।