कैसे काम करती है कीमो थेरेपी शरीर में प्राकृतिक रूप से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं बनती हैं, लेकिन जब किसी को कैंसर हो जाता है तो ये कैंसर कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती है, इस कारण तेजी से नई कोशिकाएं बनती है, और दूसरी उपयोगी कोशिकाओं की जगह ये स्थापित हो जाती हैं, कीमो थेरेपी की दवाएं इन कैंसर कोशिकाओं को विभाजित होने और पूननिर्माण की क्षमता को प्रभावित करती हैं, कोई एक प्रकार की दवा या अलग-अलग दवाओं को एक साथ देकर ये दवाएं सीधे नसों में चढ़ाई जाती हैं, या कैंसर वाले अंग पर केंद्रित होती हैं। कीमोथेरेपी शब्द का प्रयोग उन दवाओं के लिए किया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढऩे और विभाजित होने से रोकती हैं। इस थेरेपी का लाभ कुछ हद तक इस पर निर्भर करता है कि कैंसर किस स्टेज पर हैं।
नहीं लगाने पड़ेंगे बड़े शहरो के चक्कर मरीजों को अब इलाज के लिए अहमदाबाद, उदयपुर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जिले में अभी तक कीमो थेरेपी नहीं की जाती थी, इससे मरीजों को थेरेपी के लिए काम धंधा छोडक़र उदयपुर व अहमदाबाद के चक्कर काटने पड़ते थे, चूंकि बीमारी की स्टेज के हिसाब से यह थेरेपी १ से ३ दिन तक लगातार दी जाती है, ऐसे में मरीजों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। खास तौर से गरीब मरीज इस थेरेपी को ले ही नहीं पाते थे, राजसमंद में इसके शुरू होने से ऐसे मरीजों को विशेष फायदा मिलेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि यहां वे मरीज भी आ सकते हैं, जो पूर्व मेें कहीं और थेरेपी लेते रहे हैं।