कुम्भलगढ़ में नजरबंद रखा जाता था ‘आजादी के दीवानों’ को, खाने को मिलती थी नमक और रोटी
कुम्भलगढ़… खूबसूरती के लिए यूनेस्को से घोषित विश्व विरासत भी और रियासतकाल में दुश्मनों के लिए केवल सपना बनकर रहा, इसलिए अजेय दुर्ग भी। आजादी के आंदोलन में कूदे मेवाड़ के कई स्वतंत्रता सेनानियों को इस दुर्ग पर नजरबंद भी रखा गया।
कुम्भलगढ़… खूबसूरती के लिए यूनेस्को से घोषित विश्व विरासत भी और रियासतकाल में दुश्मनों के लिए केवल सपना बनकर रहा, इसलिए अजेय दुर्ग भी। आजादी के आंदोलन में कूदे मेवाड़ के कई स्वतंत्रता सेनानियों को इस दुर्ग पर नजरबंद भी रखा गया। यह अनूठी बात है कि आजादी प्रेरणास्पद प्रतीक रहे कुम्भलगढ़ में ही अंग्रेजों ने देशप्रेमियों को कैद कर लिया था। यह भी एक तथ्य है कि मेवाड़ के शूरवीर और मातृभूमि की आजादी की सनक जेहन में लेकर जिन्दगीभर मुगलों से लोहा लेने वाले पहले स्वतंत्रता नायक महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी दुर्ग परिसर में हुआ।
मेवाड़ में स्वतंत्रता सेनानियों के शोधकर्ता दिनेश श्रीमाली बताते हैं कि साल 1931 में नाथद्वारा के स्वतंत्रता सेनानी माणिक्यलाल वर्मा की गतिविधियों को नियंत्रित करने और उन्हें हतोत्साहित करने के लिए अंग्रेजों ने कुम्भलगढ़ में नजरबंद कर दिया था। हालांकि वर्मा देश को परतंत्रता की जंजीरों से आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के सामने कभी कमजोर नहीं पड़े।
कुम्भलगढ़ अरावली की ऊंची पहाडिय़ों के शीर्ष पर ऐसी जगह बना हुआ दुर्ग है, जहां से मेवाड़ और मारवाड़ दोनों की सीमाएं नजर आती हैं। यहां उस वक्त इतना दुर्गम था कि मेवाड़ के राजाओं के दुश्मन इधर गलती से भी फटकने तक की नहीं सोच पाते थे। इस किले की दीवार चीन के बाद दुनिया में सबसे लंबी दीवार है, जो इसकी सुरक्षा को पुख्ता करती है।
खाने को मिलता था नमक और रोटी दुर्ग में बने जेलनुमा 7 कमरों में स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त ब्रिटिश हुकूमत की नजर में ’राजनीतिक अपराधियों’ को खुली जेल में रखा जाता था। उन्हें नमक और रोटी खोने को दी जाती थी। ब्रिटिश शासन के जेल मैन्यु के मुताबिक उन्हें वहां रखा जाता था।
प्रो. बागोरा के नेतृत्व में 16 सेनानी थे नजरबंद 1938 में प्रोफेसर नारायणदास बागोरा के नेतृत्व में राजसमंद और नाथद्वारा के 16 स्वतंत्रता सेनानियों को वहां रखा गया था। दोनों घटनाक्रमों के पहले और बाद भी ऐसे कई घटनाक्रम हुए हैं, जिनमें स्वतंत्रता सेनानियों को यहां नजरबंद रखा गया।